नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी की प्रचंड जीत की आंधी में बिहार की तीन सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय पार्टियां बह गई हैं. JDU, LJP और RJD को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है. यूं तो JDU और RJD पहले भी दिल्ली में चुनाव लड़ती रही हैं लेकिन ये पहला मौका था जब BJP और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों ने बिहार के क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर दिल्ली का चुनाव लड़ा.


इनका मकसद दिल्ली में रहने वाले बिहारी और पूर्वांचली वोटरों को साधना और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव तक अपना गठबंधन मजबूत बनाकर रखना था. हालांकि दिल्ली की चुनावी लड़ाई में बिहार की किसी भी पार्टी को जीत नसीब नहीं हुई है. BJP के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी JDU और LJP ने तो किसी तरह अपनी इज्जत बचाई लेकिन कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी RJD चारों खाने चित हो गई है.


नहीं आई नीतीश की रणनीति काम


दिल्ली चुनाव में बिहार की पार्टियों को मिले वोट प्रतिशत पर गौर करें तो किसी भी दल को एक फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिले हैं. 2 सीटों पर लड़ी JDU को कुल 0.91 फीसदी वोट हासिल हुए तो एक सीट पर किस्मत आजमा रही LJP के खाते में 0.35 फीसदी वोट गए. सबसे दयनीय स्थिति तो RJD की रही जिसे 4 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद महज 0.04 फीसदी वोट ही नसीब हुए.


हैरानी की बात है कि BJP के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही JDU के लिए खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चार दिनों तक दिल्ली में डेरा जमाकर अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ मंच साझा किया लेकिन फिर भी बिहारी और पूर्वांचली वोटरों को उनका 'बिहार मॉडल' पसंद नहीं आया.


LJP का अध्यक्ष बनने के बाद चिराग पासवान को झारखंड चुनाव के बाद लगातार दूसरे चुनाव में निराशा हाथ लगी है, जहां उनके एकमात्र उम्मीदवार को बड़े अंतर से हार झेलनी पड़ी है. RJD नेता तेजस्वी यादव भी करीब 1 हफ्ते तक दिल्ली में जमे रहे. अपने 4 प्रत्याशियों के अलावा उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार किया लेकिन दिल्ली की जनता ने उन्हें सिरे से खारिज कर दिया और RJD की दिल्ली में मिट्टी पलीद हो गई.


NOTA से भी कम वोट मिले


अगर इन पार्टियों के उम्मीदवारों को मिले वोटों की बात करें तो उत्तम नगर से RJD प्रत्याशी शक्ति कुमार बिश्नोई को कुल 377 वोट मिले हैं जो कि इस सीट पर NOTA को मिले वोट (838) का आधा भी नहीं है. पालम से RJD उम्मीदवार निर्मल कुमार सिंह को 552 वोट मिले हैं और यहां भी ये NOTA से पिछड़ गए हैं. किराड़ी से RJD ने मोहम्मद रियाजुद्दीन खान को मैदान में उतारा था जिन्हें मात्र 256 वोट नसीब हुए जो NOTA को मिले वोटों का एक-चौथाई भी नहीं है.


बुराड़ी की सीट पर RJD और JDU आमने-सामने थे, यहां RJD प्रत्याशी प्रमोद त्यागी ने 2278 वोट हासिल किए जबकि JDU उम्मीदवार शैलेन्द्र कुमार को 51440 वोट मिले और ये दोनों चौथे और दूसरे स्थान पर रहे.


वहीं एकमात्र सीट सीमापुरी से चुनाव लड़ रही LJP के प्रत्याशी संतलाल को 32284 वोट हासिल हुए जिन्हें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने 50 हजार से भी ज्यादा वोटों के बड़े अंतर से हराया. JDU, RJD और LJP के अलावा जीतन राम मांझी की HAM और पप्पू यादव की JAP भी दिल्ली के चुनावी मैदान में थी लेकिन उनकी हालत भी कुछ ऐसी ही रही.


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