नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में जनता दल यूनाइटेड दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली में दो सीटों पर जीत दर्ज कराने के लिए बिहारी नुस्खा अपनाने का दांव खेला है. नीतीश ने जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह, मंत्री जय कुमार सिंह, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मंत्री नीरज सिंह और पूर्व विधायक राहुल शर्मा को जनसंपर्क की जिम्मेदारी दी है. दिल्ली के जिस इलाके में अगड़ी जाति का वोट है वहां ये नुक्कड़ या मुहल्ले में जन संपर्क करते हैं.


दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा के जेडीयू के उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार के लिए ललन सिंह ने जनसंपर्क अभियान चलाया. ललन सिंह ने आज बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार, बिहार विधान परिषद के सदस्य संजय प्रसाद और पूर्व विधायक राहुल शर्मा के साथ जनसंपर्क अभियान चलाया.


ललन सिंह ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि विकासशील बिहार के विकास के पैमाने को ध्यान में रखकर नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की नीतियों के समर्थन में बुराड़ी के उत्थान के लिए शैलेन्द्र कुमार को वोट करें. हमें एक मौका दें ताकि हम बुराड़ी का कायाकल्प कर सकें.


दिल्ली में आठ फरवरी को वोटिंग होनी है. बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र में पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या लगभग 40 फीसदी है. ये संख्या बुराड़ी विधानसभा में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में महिलाओं की संख्या भी 40 फीसदी है. बिहार में महिलाओं को जेडीयू का कोर वोटर माना जाता है.


ऐसे में दिल्ली में भी जेडीयू की कोशिश है कि वह महिलाओं के वोट को अपने पक्ष में करे और ऐसा करने में पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. ललन सिंह, नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी देते हैं.


जनसंपर्क अभियान के दौरान ललन सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को बिहार से सिखना चाहिए जहां नीतीश कुमार ने जल संकट को ध्यान में रखते हुए जल जीवन हरियाली योजना से जनता को जागरूक कर भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में एक पहल की है. दिल्ली में ग्राउंड वाटर लेबल जीरो है. ललन सिंह ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने इसकी सुध तक नहीं ली. इसका नतीजा यह है कि दिल्ली के नागरिकों को पीने योग्य पानी तक उपलब्ध नहीं हो रहा है. लोग गंदा पानी इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं जो कि अमानवीय है.