नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जेडीयू ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है. लिस्ट में ऐसे तो पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है लेकिन इस लिस्ट की चर्चा शामिल किए गए नामों के चलते नहीं बल्कि नहीं शामिल किए गए नेताओं के चलते चर्चा में है.


प्रशांत किशोर का नाम शामिल नहीं


लिस्ट में पार्टी के 20 नेताओं का नाम शामिल किया गया है लेकिन पार्टी के उपाध्यक्ष और नीतीश कुमार के करीबी माने जानेवाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का नाम लिस्ट से गायब है. चौंकाने वाली बात ये है कि पिछले महीने ही सम्पन्न हुए झारखण्ड विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में प्रशांत किशोर का नाम शामिल था. कयास लग रहे हैं कि क्या नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर अपने रुख़ के चलते प्रशांत किशोर का नाम कट गया है ? प्रशांत किशोर नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर मोदी सरकार की लगातार आलोचना करते आ रहे हैं. हाल ही में उन्होंने नीतीश कुमार को एक खुला पत्र लिखकर इसे बिहार में लागू नहीं करने की अपील की थी.


पवन वर्मा भी लिस्ट से गायब
अब इसे संयोग कहा आए या कुछ और .. लेकिन प्रशांत किशोर की तरह ही नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध करने वाले पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता पवन वर्मा का नाम भी लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है. पवन वर्मा ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के उस बयान की खुलेआम आलोचना की थी जिसमें मई से सितम्बर के दौरान बिहार में एनपीआर लागू करने का ऐलान किया गया था.


बीजेपी के साथ जेडीयू का है गठबंधन


पहली बार दिल्ली विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने जेडीयू के साथ गठबंधन कर दो सीटें दी हैं. ज़ाहिर है पार्टी गठबंधन की मर्यादा के तहत प्रशांत किशोर को दिल्ली में किसी भी तरह के चुनावी ड्यूटी से दूर रखना चाहती है. बीजेपी दिल्ली में नागरिकता कानून को दिल्ली चुनाव में एक मुद्दा बनाएगी और ऐसे में प्रशांत किशोर का नाम उसकी मुश्किल बढ़ा सकती है. दूसरे , प्रशांत किशोर की संस्था दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ काम भी कर रही है जिससे बीजेपी का सीधा मुकाबला है.


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