Delhi Election 2020 Results: अपनी पूरी ताकत और प्रचारतंत्र के साथ दिल्ली में उतरने के बावजूद भी बीजेपी को निराशा हाथ लगी. चुनाव नतीजों से पहले पार्टी के बड़े-बड़े नेता ये दावा कर रहे थे कि दिल्ली में इस बार बीजेपी की सरकार बनेगी. लेकिन अरविंद केजरीवाल का जनता पर ऐसा जादू चला कि बीजेपी के दावों की हवा निकाल गई. अब सवाल ले है कि जब बीजेपी ने दिल्ली में अपनी पूरी ताकत झोंक दी फिर भी वह क्यों हार गई. यहां पांच वजहों का जिक्र किया है.
बीजेपी के पास चेहरा नहीं
जानकारों का मानना है कि चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होने की वजह से बीजेपी लोगों पर प्रभाव नहीं छोड़ पाई. दिल्ली बीजेपी केंद्र के काम के भरोसे ही मैदान में उतरी. रैलियों से कर सभाओं तक में केंद्र के काम को गिनाया गया. बीजेपी की रैलियों में भीड़ तो उमरी लेकिन ये वोट में बदल नहीं पाई. इसका नतीजा ये हुआ कि सरकार बनाने का दावा करने वाली बीजेपी दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाई.
विवादित बयानों ने पहुंचाया नुकसान
बीते चुनाव में बीजेपी के नेताओं ने विवादित बयान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बीजेपी के केंद्रीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक ने एक से एक विवादित बयान दिए. विवादित बयान देने वाले बयानवीर बीजेपी नेताओं पर चुनाव आयोग ने चाबुक भी चलाया. चुनाव आयोग ने प्रचार से बैन करने से लेकर नोटिस जारी करने जैसी कार्रवाई की. विवादित बयानों ने जनता को बीजेपी से दूर पहुंचाया.
स्थानीय मुद्दों से भटकाव
इस चुनाव में ये देखने को मिला कि बीजेपी ने राष्ट्रवाद और धारा 370 जैसे मुद्दों के मुकाबले स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से नहीं उठाया. बीजेपी के नेता मंच से धारा 370 हटाए जाने का जिक्र किया. राम मंदिर पर भी बीजेपी नेताओं ने खूब भाषण दिया. नागरिका संशोधन कानून का भी खूब जिक्र हुआ. हालांकि आम आदमी पार्टी लागातर ये कहती रही ये चुनाव दिल्ली में हुए काम के मुद्दों पर लड़ा जाएगा. स्कूल, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे पर लड़ा जाएगा. हुआ भी ऐसा ही. बीजेपी इन मुद्दों को उठाने में पीछे रह गई.
केजरीवाल पर व्यक्तिगत हमले और आप का पलटवार
इस चुनाव में बीजेपी नेताओं ने अरविंद केजरीवाल पर निजी हमले किए. इसका आप ने बड़े ही सधे अंदाज में जवाब दिया और इस तरह के हमलों को दिल्ली की अस्मिता से जोड़ दिया. बीजेपी ने केजरीवाल को आतंकवादी कहा तो आप ने उन्हें दिल्ली का बेटा बताया. एबीपी न्यूज़ की एक सर्वे में भी ये बात सामने आई कि केजरीवाल पर बीजेपी नेताओं का निजी हमला उल्टा पड़ सकता है. बीजेपी के आतंकवादी वाले बयान पर आप ने ये चनौती दी कि अगर केजरीवाल आतंकी हैं तो बीजेपी गिरफ्तार करे.
दिल्ली सरकार को घेरने में नाकाम रही बीजेपी
जब-जब बीजेपी ने दिल्ली सरकार को घेरने की कोशिश की केजरीवाल उससे निकलते चले गए. अगर बीजेपी शाहीन बाग का जिक्र करती तो केजरीवाल स्कूल, अस्पताल और बिजली का जिक्र करते रहे. यानी आम आदमी पार्टी के सभी नेता बीजेपी की पिच पर गए ही नहीं. बीजेपी के कुछ नेताओं ने स्कूल की बदहाली का वीडियो भी जारी किया लेकिन बाद में आम आदमी पार्टी ने उसे सिरे से खारिज करते हुए बताया कि ये वो स्कूल पहले से बंद था. सीसीटीवी पर जब अमित शाह ने घेरा तो आम आदमी पार्टी ने उनका ही सीसीटीवी फुटेज जारी कर दिया.