नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कई मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन सबसे ज्यादा जो मुद्दा सुर्खियों में रहा वो शाहीन बाग का धरना रहा. बीजेपी ने शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर आम आदमी पार्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए लेकिन नतीजे पर इसका कोई असर नहीं हुआ. 2015 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर का झुकाव कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों की तरफ था. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर भी आप को एकतरफा वोट मिले.
इंडियन एक्सप्रेस में छपे सीएसडीएस और लोकनीति के सर्वे के मुताबिक 95% मुस्लिमों को शाहीन बाग के प्रदर्शन की जानकारी थी. जिसमें से 83% वोटर्स ने आप को वोट दिया. तो वहीं 13% वोटर्स ने कांग्रेस और 3% वोटर्स ने बीजेपी का साथ दिया. वहीं 76% हिंदू वोटर्स को शाहीन बाग प्रदर्शन के बारे में जानकारी थी. जिसमें से 49% ने बीजेपी, 46% ने आप और 3% ने कांग्रेस को वोट दिया.
दिल्ली में मुस्लिम समुदाय की पहली पसंद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ही रही. आप ने मटिया महल, सीलमपुर, ओखला, बल्लीमारान और मुस्तफाबाद से मुस्लिम समाज के प्रत्याशियों पर भरोसा जताया था. वहीं, कांग्रेस ने भी इन पांचों सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे. आप के सभी पांच मुस्लिम उम्मीदवार बड़े अंतर से जीते हैं, जबकि कांग्रेस के पांचों मुसलमान प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 62 सीटों पर जीत हासिल की, बीजेपी ने आठ सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार एक भी सीट नहीं जीती.
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