Delhi: दिल्ली की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय (Shelly Oberoi) ने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ आज एक आपात बैठक की. वसंत कुंज में कुत्तों द्वारा बच्चों को काटने की घटना का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए. साथ ही लापरवाही बरतने पर अधिकारियों की खिंचाई की और विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ऐसी कोई घटना दोबारा न हो.


वहीं मेयर ने अधिकारियों को आवारा कुत्तों से दिल्लीवासियों को निजात दिलाने के मुद्दे पर एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना तैयार करने को कहा है. इसके अलावा मेयर ने पशुओं से जुड़े एनजीओ, गौशाला संचालकों और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की बैठक भी बुलाई है. बैठक के दौरान अधिकारियों ने आवारा जानवरों को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया. 


एमसीडी के 20 नसबंदी केंद्र हैं


आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए एमसीडी विभिन्न एनजीओ के साथ मिलकर काम करती है. वर्तमान में एमसीडी के 20 नसबंदी केंद्र हैं जिनमें से 16 काम कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि शहर में कुत्तों की आबादी कम करने के लिए और अधिक नसबंदी केंद्रों की जरूरत है. वहीं मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा, इनकी जनसंख्या को कम करने के लिए आवश्यक ढांचे का अभाव है. एमसीडी ने कई वर्षों से आवारा जानवरों की आबादी का पता लगाने के लिए जनगणना नहीं की.


वसंत कुंज घटना की जांच के लिए...


दूसरी तरफ मेयर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को समस्या के समाधान के लिए रणनीति बनाने के निर्देश दिए. उन्हें बताया कि वसंत कुंज की घटना के बाद इसकी जांच के लिए 4 टीमों को तैनात किया गया है. वहां से लगभग 50 कुत्तों को उठाया गया है जिनमें से 90 फीसदी कुत्तों की नसबंदी की गई है.


मेयर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मवेशी और आवारा कुत्ते दिल्ली के लोगों के लिए परेशानी का कारण न बनें. साथ ही विभाग को कुत्ते और मवेशी पकड़ने पर दैनिक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. बैठक में डिप्टी मेयर आले मुहम्मद इकबाल, राजेंद्र नगर विधायक दुर्गेश पाठक सहित निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.


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