दिल्ली के ऊर्जा मंत्री बोले- कोयले का कम से कम 15 दिन का स्टॉक होना चाहिए, अब सिर्फ 2-3 दिन का स्टॉक बचा
दिल्ली सरकार में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, NTPC के सारे प्लांट 55-50 फीसदी क्षमता पर काम कर रहे हैं. कोयले की बहुत बड़ी समस्या इस समय है.
नई दिल्ली: कोयले की कमी की वजह से जारी बिजली संकट को लेकर देश का राजनीतिक माहौल गरमा गया है. दिल्ली सरकार ने एक बार फिर राजधानी में कोयले की कमी की बात दोहरायी है. दिल्ली सरकार में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि इस समय कोयले की बहुत ज्यादा कमी है. ज्यादातर प्लांट में दो-तीन दिन का ही स्टॉक बचा है.
ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, 'किसी भी पॉवर प्लांट में कोयले का 15 दिन से कम का स्टॉक नहीं होना चाहिए. अभी ज्यादातर प्लांट में 2-3 दिन का स्टॉक बचा है. NTPC के सारे प्लांट 55-50 फीसदी क्षमता पर काम कर रहे हैं. कोयले की बहुत बड़ी समस्या इस समय है.'
दिल्ली सरकार ने कोयला संकट के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार
एक दिन पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोयला संकट को लेकर केंद्र को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा कि केंद्र बिजली उत्पादन में कमी के मुद्दे से भाग रहा है. कोयले की स्थिति ऑक्सीजन संकट के समान है। हालांकि, केंद्र इसे स्वीकार नहीं करेगा.
सिसोदिया ने कहा कि वह केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के 'गैर-जिम्मेदाराना रवैये' से दुखी हैं. राजस्थान, दिल्ली और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्य बिजली की कमी को लेकर चिंता जता रहे हैं.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का बयान
कोयला संकट पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि दिल्ली को किसी भी तरह के बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी की आपूर्ति करने वाले बिजली प्लांट को पर्याप्त ईंधन उपलब्ध कराया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री का ये आश्वासन दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन के उस बयान के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि अगर कोयले की आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ, तो दिल्ली में दो दिनों में ब्लैकआउट हो जाएगा.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने निर्देश दिया है कि दिल्ली की डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को उनकी मांग के मुताबिक जितनी बिजली की जरूरत होगी, उतनी बिजली मिलेगी. एनटीपीसी और डीवीसी को डिस्कॉम की आवश्यकता के अनुसार पूरी उपलब्धता देने का निर्देश दिया गया है.
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