दिल्ली: EOW ने भाजपा के पूर्व सांसद पर दर्ज किया ठगी का मुकदमा, जमीन दिलाने के एवज में पैसे हड़प का आरोप
आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि एक कंपनी क्रिश टेक के अधिकारी की शिकायत 18 फरवरी को मिली थी. जिसके बाद 23 अगस्त को मामला दर्ज किया गया.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भाजपा के पूर्व सांसद पर 65 करोड़ की ठगी का मुकदमा किया दर्ज. आरोप है कि एक टाउन शिप के नाम पर एक कंपनी को जमीन दिलाने के एवज में पैसे हड़प लिए. अमरोहा से सांसद रहे करण सिंह तंवर पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ठगी का मामला दर्ज किया है. एक बिल्डर कंपनी की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया गया है.
आरोप है कि टाऊनशिप के लिए जमीन दिलवाने के नाम पर 65 करोड़ रुपये की ठगी की गई है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि एक कंपनी क्रिश टेक के अधिकारी की शिकायत 18 फरवरी को मिली थी. जिसके बाद 23 अगस्त को मामला दर्ज किया गया.
जो शिकायत मिली थी उसके मुताबिक क्रिश कंपनी साल 2008 में गुरुग्राम में एक टाउनशिप बनाने की तैयारी कर रही थी. ये टाउनशिप सेक्टर 60, 61, 62, 63 और 65 में बननी थी इसके लिए इस कंपनी को करीब 100 एकड़ जमीन की जरूरत थी.
शिकायत में कंपनी के अधिकारी ने बताया कि टाऊनशिप का काम जल्दी हो इसके लिए एक शख्स रंजन गुप्ता के साथ बातचीत हुई. रंजन गुप्ता ने ही साल 2008 में कंपनी की मुलाकात करण सिंह तंवर से करवाई. आरोप है कि करण सिंह तंवर ने कम्पनी को बताया कि उनकी कम्पनी के पास टाउनशिप के लिए उस इलाके में करीब 63 एकड़ जमीन है और इसके अलावा बाकी की जमीन वो किसानों से खरीद कर दिला देंगे. इस जमीन का सौदा 3.30 करोड़ रुपये प्रति एकड़ में तय हुआ.
क्रिश कम्पनी के अधिकारी ने बताया कि पैसे देने के बाद भी जमीन नही दिलाई गई. कई बार बात करने बाद भी जमीन का मालिकाना हक नही दिलवाया गया. बातचीत चलती ही लेकिन कोई हल नहीं निकला. मामला कम्पनी ला बोर्ड तक गया और बाद में कुछ जमीन दिलवाने की बात पर दोनों पक्षों में समझौता हो गया.
क्रिशटेक कंपनी ने टाउनशिप विकसित करने के लिए DLF से समझौता कर लिया. DLF ने 29 करोड रुपये भी दिए. लेकिन आरोप है कि करण सिंह तंवर की कंपनी ने ना तो जमीन दिलवाई और ना ही पैसे वापस लौटाए. इसके बाद मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को की गई. आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है.