Delhi Excise Case: सीबीआई ने दिल्ली की नई आबकारी नीति (Delhi Excise Policy 2021-22) के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार पर अपनी प्राथमिकी (FIR) में दावा किया है कि शराब व्यापारी ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) के एक सहयोगी द्वारा प्रबंधित एक कंपनी को एक करोड़ रुपये का भुगतान किया है.


पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry Of Home Affairs) के माध्यम से भेजे गए उपराज्यपाल वी के सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) के कार्यालय से एक संदर्भ पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन के संबंध में ये दावा किया गया है. बता दें कि मनीष सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार में उत्पाद शुल्क विभाग भी है.


सिसोदिया का करीबी कहा जा रहा दिनेश अरोड़ा


मनीष सिसोदिया का करीबी कहा जा रहा दिनेश अरोड़ा दिल्ली में एक छोटा-सा रेस्टोरेंट चलाता था और कुछ सालों पहले अरोड़ा आम आदमी पार्टी से जुड़ा और पार्टी में बेहद एक्टिव रहा. कथित तौर पर इसके बाद इसकी नजदीकियां मनीष सिसोदिया से बढ़ने लगीं और इसके बाद इसने कुछ और रेस्टोरेंट्स खोल लिए. उसपर आरोप है कि सिसोदिया से नजदीकी का फायदा उठाकर वह दिल्ली के बड़े रेस्टोरेंट को एक्साइज का परमिट दिलाने लगा और फिर उसके बाद वह शराब के कारोबारियों से मोटी कमीशन लेकर उन्हें L1 के लाइसेंस भी दिलाने लगा.


दिल्ली में नियम है नए रेस्टोरेंट में पहले एमसीडी परमिट मिलता है फिर 6 महीने में एक्साइज परमिट मिलता है लेकिन दिनेश अरोड़ा करीबी संबंधों की वजह से नए रेस्टोरेंट को शुरुआत में ही बार खोलने का यानी एक्साइज का परमिट दिला देता था.


दिनेश अरोड़ा ने एक करोड़ की डील की थी


सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिनेश अरोड़ा द्वारा प्रबंधित राधा इंडस्ट्रीज को इंडोस्पिरिट्स के समीर महेंद्रू से 1 करोड़ रुपये मिले. एजेंसी का आरोप है कि सनी मारवाह की महादेव लिकर को पॉलिसी के तहत एल-1 लाइसेंस दिया गया था. इसने यह भी आरोप लगाया कि मरवाह, जो मृतक शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की फर्मों के बोर्ड में था, आरोपी लोक सेवकों के निकट संपर्क में था और उन्हें नियमित रूप से रिश्वत देता था.


सीबीआई की एफआईआर में 15 लोग नामजद


सीबीआई की प्राथमिकी में यह दावा भी किया गया है कि दिल्ली में सिसोदिया के आधिकारिक आवास के साथ-साथ सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कई अन्य स्थानों पर छापेमारी के बीच ये जानकारियां सामने आई हैं. 17 अगस्त को दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी में इस मामले में पंद्रह लोगों को नामजद किया गया है, जिसमें आपराधिक साजिश से संबंधित आईपीसी की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं.


सिसोदिया के अलावा, अन्य आरोपियों में तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायी और दो कंपनियां शामिल हैं. इस प्राथमिकी के अनुसार, सिसोदिया और अन्य आरोपियों ने बिना सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के लाइसेंसधारकों को निविदा के बाद अनुचित लाभ देने के इरादे से आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और निर्णय लिया."


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