Delhi Excise Case: आबकारी नीति केस में कोर्ट ने CBI से पूछा- क्या जांच पूरी नहीं हुई? मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ाई
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कई दौर की पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.
Manish Sisodia Judicial Custody: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में सीबीआई से जुड़े केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी है. सीबीआई (CBI) वाले मामले में न्यायिक हिरासत की समाप्ति पर मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को गुरुवार (27 गुरुवार) को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया.
सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई को बताना चाहिए कि मामले की जांच पूरी हुई है कि नहीं, सीबीआई ने मुझे (सिसोदिया को) षड्यंत्रकारी बताया है. इसपर कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि क्या जांच पूरी हुई है या नहीं. सीबीआई ने कहा कि पूरी हो गई है.
सीबीआई ने चार्जशीट में बनाया आरोपी
सीबीआई शराब नीति में हुई कथित अनियमितता को लेकर जांच कर रही है. सीबीआई ने इसी मामले में 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. केंद्रीय जांच एजेंसी ने बीते मंगलवार (25 अप्रैल) को ही राउज एवेन्यू कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया. ये पहली बार था जब किसी चार्जशीट में सिसोदिया को नामजद किया गया. कोर्ट ने इस आरोप पत्र पर विचार करने के लिए 12 मई की तारीख तय की थी.
चार्जशीट में कुछ और नाम भी
सीबीआई ने दलील दी थी कि सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी सक्षम अधिकारियों से प्राप्त कर ली गई है. एजेंसी के आरोप पत्र में हैदराबाद निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट बच्ची बाबू गोरांतला, शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल और एक अन्य व्यक्ति अर्जुन पांडेय के भी नाम हैं. चारों आरोपियों में से मनीष सिसोदिया और ढल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. बच्ची बाबू को मामले में छह मार्च को जमानत दे दी गई थी, वहीं पांडेय को मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया.
ईडी मामले में जमानत पर कल आ सकता है फैसला
इसके अलावा आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर कोर्ट 28 अप्रैल को आदेश सुना सकती है. कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. सिसोदिया की याचिका में दावा किया गया था कि जांच के लिए उनकी हिरासत की अब आवश्यकता नहीं है.
ये भी पढ़ें-