Supreme Court Will Hear Manish Sisodia Bail Plea: आम आदमी पार्टी (AAP) और मनीष सिसौदिया के लिए आज क दिन काफी अहम है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के संबंध में आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर आज (29 जुलाई) सुनवाई करेगा.


दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया ने फरवरी 2023 में अपनी गिरफ्तारी के बाद 16 महीने से जेल में हैं. बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की एक पीठ उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. अदालत कई बार उनकी जमानत अर्जी खारिज कर चुकी है.


मनीष सिसौदिया से जुड़ी 10 मुख्य बातें:



  • जुलाई 2022 में, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की ओर से उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के पास एक रिपोर्ट जमा कराई गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि मनीष सिसोदिया ने AAP के 2022 पंजाब चुनाव अभियान के लिए शराब वेंडिंग लाइसेंसधारियों से रिश्वत ली है.

  • 26 फरवरी, 2023 को, उस समय के दिल्ली के उपमुख्यमंत्री - मनीष सिसौदिया को कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने धोखाधड़ी का इरादा (477ए) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और आपराधिक साजिश (120बी) के तहत गिरफ्तार किया था.

  • उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में इन पर टेंडर के बाद लाइसेंसधारी को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना वर्ष 2021-22 के लिए उत्पाद शुल्क नीति की सिफारिश करने और निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है.

  • सीबीआई की ओर से गिरफ्तारी के तुरंत बाद, मनीष सिसौदिया को 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पार्टी के 2022 पंजाब चुनाव के वित्तपोषण के लिए उत्पाद शुल्क नीति से प्राप्त रिश्वत का उपयोग करने के मूल आरोप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था.

  • मनीष सिसौदिया और आप के एक अन्य नेता सत्येन्द्र जैन, जिन्हें भी भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, ने 28 फरवरी, 2023 को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार से अपने पदों से इस्तीफा दे दिया.

  • 30 अक्टूबर, 2023 को, थोक शराब डीलरों को रुपये का लाभ होने के दावों का समर्थन करने वाले अस्थायी सबूत के कारण, मनीष सिसोदिया को उनकी दोनों जमानत याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत देने से इनकार कर दिया था.

  • 30 अप्रैल, 2024 को, एक बार फिर निचली अदालत ने सिसौदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दायर करनी पड़ी, जिसने 21 मई को उनकी याचिका भी खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालतों के फैसले को बरकरार रखा.

  • दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री 16 महीने से न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि मुकदमा केवल छह से आठ महीने तक चलेगा.

  • सुप्रीम कोर्ट ने 4 जून, 2024 को जमानत याचिका को पुनर्जीवित करने के लिए सिसोदिया के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उन्हें ईडी और सीबीआई की ओर से क्रमशः अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दाखिल करने तक इंतजार करने की जरूरत है.

  • आरोप पत्र और अभियोजन शिकायत 3 जुलाई से पहले या उससे पहले प्रस्तुत की जानी थी. चूंकि ये दस्तावेज़ दायर नहीं किए गए थे, शीर्ष अदालत 16 जुलाई को मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका के साथ-साथ ईडी और सीबीआई के जवाबों पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गई.


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