Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार (12 जुलाई) को शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है. बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल को मिली जमानत का मतलब ये है नहीं है कि उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया है. बीजेपी सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा कि शायद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी है, ताकि वह दिल्ली के लोगों के लिए काम कर पाएं, जो अभी परेशानियां झेल रहे हैं. अदालत ने केजरीवाल को बरी नहीं किया है. 


दरअसल, अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शराब नीति मामले में बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत दी है. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जरिए शराब नीति मामले में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में राहत मिली है. हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि सीबीआई ने शराब नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने दिल्ली सीएम को 25 जून को गिरफ्तार किया था. अभी वह तिहाड़ जेल में हैं.


कोर्ट ने केजरीवाल को बरी नहीं किया: बीजेपी सांसद


पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद कमलजीत सहरावत ने केजरीवाल की जमानत पर कहा है कि उन्हें अदालत ने बरी नहीं किया है. सहरावत ने कहा, "अंतरिम जमानत किसी के द्वारा किए गए अपराध से राहत नहीं है. अंतरिम जमानत में केस आगे बढ़ने पर व्यक्ति को जेल से बाहर रहने का प्रावधान है."




उन्होंने कहा, "इसका मतलब ये नहीं है कि अरविंद केजरीवाल ने कोई घोटाला नहीं किया है और वह भ्रष्टाचार में शामिल नहीं थे. शायद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बाहर रहने और काम करने की इजाजत दी है क्योंकि दिल्ली के लोग परेशान हैं. कोर्ट ने उन्हें बरी नहीं किया है."


मार्च में हुई थी केजरीवाल की गिरफ्तारी


जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए उनकी गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित प्रश्नों को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वह करीब दो महीने जेल में रहने के बाद मई में 21 दिनों की अंतरिम जमानत पर बाहर आए थे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 10 मई से 1 जून तक चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी. 2 जून को केजरीवाल ने सरेंडर किया था. 


यह भी पढ़ें: सीएम केजरीवाल को जमानत, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर AAP बोली- सत्यमेव जयते