Delhi Excise Policy Case: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (5 अक्टूबर) को दिल्ली शराब नीति घोटाले में आरोपी पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी (आप) को आरोपी बनाने वाली टिप्पणी का मुद्दा उठा. इस बात की भी जानकारी है कि ईडी भी आप को आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है. हालांकि, अदालत ने सुनवाई के दौरान बताया कि आखिर उसने ये सवाल क्यों पूछा. 


सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि हम यह साफ करना चाहते हैं कि हमने कल सिर्फ एक कानूनी सवाल पूछा था. हमारा सवाल था कि A और B को आरोपी बनाया गया है और C को फायदा पहुंचा है, तो उसे आरोपी क्यों नहीं बनाया गया. दरअसल, सुनवाई के वक्त सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल उठाया था कि मीडिया में चल रहा है कि अदालत ने आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने के लिए कहा है. 


किसी के खिलाफ सबूत मिला, तो नहीं बख्शेंगे: ईडी के वकील


वहीं, सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जब आप को आरोपी बनाने की बात का मुद्दा उठाया तो उस वक्त प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू भी वहीं मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि अगर किसी के खिलाफ सबूत मिलता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. बुधवार को जब सुनवाई हुई थी, तो एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से ही सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सवाल पूछा था. शराब घोटाला मामले में बुधवार को ही आप सांसद संजय सिंह अरेस्ट हुए हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था? 


जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवी भट्टी की पीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से पूछा कहा था, 'जहां तक प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) मामले में बात है. आपका पूरा केस ही यही है कि एक राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचा है. उस राजनीतिक दल को अभी भी आरोपी या पक्षकार नहीं बनाया गया है. आप इसका जवाब कैसे देंगे? आपके अनुसार राजनीतिक दल लाभार्थी है.' इसके बाद से ही आप को आरोपी बनाए जाने की बात होने लगी.


सुनी-सुनाई बातों पर आधारित है सिसोदिया के खिलाफ आरोप: सिंघवी


दूसरी ओर, मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें रखीं. सिंघवी ने कहा कि सिसोदिया को पैसे मिलने का कोई सबूत नहीं है. जिन आरोपियों को उनका करीबी बताया गया है, वह भी उनके करीबी नहीं थे. सिंघवी ने दलील दी कि सिसोदिया के खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह बस सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं. इन बातों को साबित करने के लिए जांच एजेंसियों के पास कोई सबूत नहीं है. 


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