Delhi New Excise Policy: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज करने से पहले सीबीआई (CBI) ने राष्ट्रपति की मंजूरी ली थी. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई की टीम ने 19 अगस्त यानी शुक्रवार को छापा मारा था. ये छापेमारी एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy) में कथित अनियमितताओं को लेकर की गई थी. सीबीआई ने डिप्टी सीएम सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) का मामला दर्ज करने से पहले सीबीआई ने राष्ट्रपति से पूर्व अनिवार्य मंजूरी हासिल कर ली थी. 


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ 17 अगस्त को राष्ट्रपति कार्यालय से 17A की मंजूरी मिलने के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद सिसोदिया के घर पहुंची थी CBI


दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी 2021-22 में कथित अनियमितताओं के संबंध में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज करने से पहले सीबीआई ने राष्ट्रपति की अनिवार्य मंजूरी हासिल कर ली थी. इस मामले से परिचित लोगों ने इस बारे में जानकारी दी है. जांच एजेंसी ने अन्य आरोपियों के खिलाफ भी नियमित लुक आउट सर्कुलर जारी किया था.


CBI को क्यों लेनी पड़ी राष्ट्रपति की मंजूरी?


भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के लिए केंद्र शासित प्रदेशों में एक विधायक की जांच के लिए राष्ट्रपति की सहमति की जरूरत होती है. एक्साइज अधिकारियों के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर अनुमति देने वाला प्राधिकारी है. मनीष सिसोदिया के खिलाफ 17 अगस्त को राष्ट्रपति कार्यालय से 17A की मंजूरी मिलने के बाद ही केस दर्ज किया गया था. एक बार केस दर्ज होने के बाद, सिसोदिया समेत सभी नामित 13 व्यक्तियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किए गए थे, ताकि किसी के भी देश से बाहर जाने की स्थिति में इमाइग्रेशन अधिकारियों को सतर्क किया जा सके.


सिसोदिया पर किन मामलों में केस दर्ज?


भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धारा 17-ए में ये प्रावधान है कि भ्रष्टाचार (Corruption) की शिकायत होने पर जांच के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होती है. मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ एफआईआर में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के साथ साथ आईपीसी (IPC) की धारा 120बी, 477A की धाराएं लगाई गईं हैं. एफआईआर (FIR) में करोड़ों रुपये लेन देन की बात है.


ये भी पढ़ें:


CBI FIR Against Sisodia: CBI की सिसोदिया के खिलाफ FIR में क्या-क्या लगाए गए हैं आरोप, एक क्लिक में समझिए मामला


Manish Sisodia On Look Out Notice: लुकआउट नोटिस जारी होने पर भड़के मनीष सिसोदिया, कहा - 'ये क्या नौटंकी है मोदी जी?'