Arvind Kejriwal Plea in Delhi High Court: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर शुक्रवार (5 जुलाई 2024) को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका में सीबीआई की ओर से केजरीवाल की गिरफ्तारी को भी चुनौती दी गई थी. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी.


माले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कोई आतंकवादी नहीं हैं, उन्हें जमानत क्यों नहीं दी जा रही? इस दौरान कोर्ट ने कहा कि जब आपको जमानत निचली अदालत से भी मिल सकती है. तो ऐसे में आप हाईकोर्ट क्यों आए हैं. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सीबीआई को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करने के साथ-साथ समय भी दिया है.


केजरीवाल के वकीलों ने दी ये दलीलें


दिल्ली हाई कोर्ट ने जब अरविंद केजरीवाल के वकीलों से पूछा कि आप जमानत के लिए सीधे हाई कोर्ट क्यों आए हैं, जबकि उनके पास सेशन कोर्ट में इसके लिए अर्जी देने की रेमेडी उपलब्ध थी. इस पर केजरीवाल के वकीलों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के तमाम फैसले हैं जो हमें सीधे यहां आने का अधिकार देते हैं. हमारे ऊपर ट्रिपल टेस्ट की शर्तें लागू नहीं होती हैं. न कोई फरार होने का खतरा है. इस बात पर भी गौर किया जाए कि केस दर्ज होने के दो साल बाद गिरफ्तारी हुई है. सीबीआई ने विरोध करते हुए कहा कि वे सीधे यहां नहीं आ सकते. हमने चार चार्जशीट दाखिल की हैं.


अभिषेक मनु सिंघवी ने दिया ये तर्क


केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कानून तय कर दिया है. यहां धारा 45 पीएमएलए शामिल नहीं है. जज आज ही इस पर सुनवाई कर सकते हैं. यह जमानत याचिका है. इन सभी फैसलों का क्या मतलब है अगर सीबीआई के वकील आते हैं और कहते हैं कि मुझे ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कितने मामलों में औचित्य के आधार पर ट्रायल कोर्ट जाने को कहा है.. कानून स्पष्ट है, हमारे पास समवर्ती अधिकार क्षेत्र है. जब आपके पास उपाय उपलब्ध है तो उच्च न्यायालयों को बाधित न करें. कोई कारण होगा कि आप सीधे हाईकोर्ट आए.


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