Delhi Excise Policy Scam Case: सुप्रीम कोर्ट ने बीआरएस नेता के. कविता (K. Kavita) को बड़ी राहत दी है. उन्हें कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जमानत दे दी है.
इस दौरान SC ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका को खारिज करने के आदेश की भी आलोचना की है. सुनवाई के दौरान SC ने कहा, 'HC के अनुसार किसी शिक्षित महिला को जमानत नहीं मिल सकती है. इस दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि क्या ऐसा मुमकिन है?
HC ने अपने आदेश में कही थी ये बात
दरअसल, बीआरएस नेता के. कविता ने महिला होने का हवाला देते हुए रियायत बरतने और जमानत याचिका मंजूर करने की अपील की थी. जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था, 'वो शिक्षित और पूर्व सांसद होने की वजह से आप को तुलना अबला और कमजोर महिला से नहीं हो सकती है. आप के खिलाफ गंभीर आरोप लगे है.' कोर्ट ने आगे कहा था,'इस समय जांच जांच महत्वपूर्ण मोड़ पर है, ऐसे में जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है.
सुप्रीम कोर्ट ने की इस फैसले की आलोचना
SC ने सुनवाई के दौरान कहा, 'ऐसे मामलों में निर्णय लेते समय न्यायालयों को न्यायिक रूप से विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए. कोर्ट यह नहीं कह सकता है कि वो महिला शिक्षित हैं और सांसद हैं, इसी वजह से वो पीएमएलए अधिनियम की धारा 45 के प्रावधान के लाभ की हकदार नहीं है. हमें लगता है कि एकल पीठ ने गलत आदेश दिया है.
सोशल मीडिया करना पड़ा आलोचना का सामना
SC के फैसले के बाद HC की जस्टिस स्वर्ण कांता को सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल तक किया जा रहा है. इस मामले में हाल में ही मनीष सिसोदिया को भी जमानत मिली है.