नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हुए अग्निकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस अग्निकांड में 43 लोगों की मौत हो गई जबकि 53 से अधिक लोग घायल हो गए. इस घटना के बाद दिल्ली एनसीआर में अवैध रूप से फैक्ट्री का संचालन करने वालों में हड़कंप मच गया है. अधिक मुनाफा बनाने, अधिकारियों की लापरवाही और गरीबी की लाचारी की दास्तान है दिल्ली का ये अग्निकांड. मरने वाले लोगों का शव इक्ट्ठा करने के लिए आज भी मौलाना आजाद शवगृह के बाहर परिजनों की भीड़ लगी हुई है. 2 दिन से अपनों के शव मिलने का इंतजार कर रहे लोग अब परेशान हो चुके हैं.


सहरसा के रहने वाले शमशेर आलम का कहना है कि अग्निकांड में उनके बेटे की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि उनके 17 साल के बेटे राशिद की मौत अनाज मंडी फैक्टरी की आग में हुई. वहीं आज भतीजे के शव का इंतजार कर रही राशिद की बुआ की मौत की खबर आज सुबह उन्हें फोन पर मिली. उनका कहना है कि उन्हें बस अपने बच्चे का शव लेकर घर पहुंचना है. इससे पहले कि कोई और बुरी खबर आये.


वहीं शवगृह के बाहर रुखसाना अपनी मां के साथ अपने भाई का गियासुद्दीन का शव लेने पहुंची है. रो-रो कर गियासुद्दीन के परिजनों का बहुत बुरा हाल है. मृतक की मां का कहना है कि उनकी बेटे से पिछले हफ्ते बात हुई थी. उन्होंने बताया की उनका बेटा रविवार को घर आने वाला था, लेकिन उससे पहले ही उसकी मौत की खबर आ गई.


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