Delhi Fire Service On Diwali: दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यहां पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध है. ऐसे में दिल्ली फायर सर्विस की जिम्मेदारी है कि राजधानी के लोगों पर कड़ी नजर रहे. किसी भी तरह की घटना से निपटा जा सके. यही कारण है कि पटाखों पर बैन होने के बावजूद भी यहां जगह-जगह दमकल की गाड़ियों को तैनात किया गया है. इतना ही नहीं ड्रोन से भी लोगों पर नजर रखी जा रही है. दमकल स्टेशन और कर्मचारी आग लगने की किसी भी घटना से निपटने के लिए तैयार रहेंगे.
बता दें कि दिल्ली अग्निशमन विभाग (Delhi Fire Department) ने दीपावली पर आग की घटनाओं से जल्द से जल्द निपटने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए हैं. अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में 22 जगहों पर दमकल की गाड़ियां तैनात की हैं और एहतियात के तौर पर दिवाली पर शाम 5 बजे से आधी रात तक उन्हें तैनात किया जाएगा.
इन 22 जगहों पर होगी तैनाती
जिन 22 जगहों पर दमकल की गाड़ियां तैनात की जाएंगी, उनमें बड़ा तूती चौक, तिलक नगर, लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट, लाल कुआं चौक, लाहौरी गेट, नांगलोई, साउथ एक्सटेंशन, सोनिया विहार, महरौली, घिटोरनी मेट्रो स्टेशन, अली पुर, रानी बाग मार्केट, डीटीसी डिपोर्ट कटरान मार्केट, गांधी नगर मार्केट, महिपालपुर चौक, संगम विहार, मुंडका मेट्रो स्टेशन, डेरा गोवा मोड़, आजाद मार्केट चौक, जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल, पेपर मार्केट गाजीपुर और यमुना विहार शामिल है. यहां से दमकल की गाड़ियां किसी भी स्थान पर जल्दी पहुंच सकेंगी.
ड्रोन से रखी जाएगी कड़ी नजर
दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि विभाग ने आग की घटनाओं से निपटने के लिए सभी इंतजाम कर लिए हैं. ड्रोन की मदद से लोगों पर निगरानी रहेगी, जिससे ऊंची इमारतों तक भी नजर रखी जा सके. उम्मीद है कि ज्यादा घटनाएं नहीं होंगी क्योंकि पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं, भीड़भाड़ वाले इलाकों के पास दमकल की गाड़ियां तैनात.
संकरी गलियों के लिए मोटरसाइकिल तैनात
दमकल विभाग पानी के टेंडर के अलावा, अग्निशमन उपकरणों से लैस मोटरसाइकिलों को संकरी और भीड़भाड़ वाली पांच अन्य स्थानों पर तैनात करेगा. इन पांच जगहों में अंबेडकर नगर, चांदनी चौक, सब्जी मंडी घंटा घर, पहाड़गंज शीला सिनेमा और गांधी नगर शामिल हैं. दमकल अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल भी पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद विभाग को आग से जुड़ी 152 से ज्यादा कॉल आई थीं, जोकि 2020 की तुलना में 25 प्रतिशत कम और 15 सालों में सबसे कम थीं.
ये भी पढ़ें: