Firecracker Ban: सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से पूछा- 'रोक के बावजूद कैसे चलते हैं दिल्ली में पटाखे?', सुरक्षित रखा आदेश
Delhi Firecrackers Ban: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि पटाखे फोड़ने से नुकसान लोगों को होता है.
Supreme Court On Firecrackers Ban: रोक के बावजूद दिल्ली में पटाखे फोड़े जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को (14 सितंबर) चिंता जताई. कोर्ट ने कहा है कि पटाखे फोड़ने वालों पर कार्रवाई काफी नहीं है. दिल्ली पुलिस को यह पता लगाना चाहिए कि यह पटाखे उन्हें मिले कैसे? जो स्रोत है, उस पर कार्रवाई से ही समस्या का हल होगा.
सुनवाई के दौरान देश में ग्रीन क्रैकर्स यानी कम प्रदूषण करने वाले पटाखों को मंजूरी देने के मसले पर भी चर्चा हुई. कोर्ट ने इस पर आदेश सुरक्षित रख लिया है. दरअसल, दिल्ली में राज्य सरकार ने दीवाली के दौरान पटाखे चलाने पर पूरी तरह रोक लगा रखी है.
पिछले कुछ सालों में रोक के बावजूद लोगों ने पटाखे चलाए हैं. वहीं काफी समय से इस बात पर भी चर्चा होती रही है कि देश में ग्रीन क्रैकर्स का उत्पादन और बिक्री हो, लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलना बाकी है.
केंद्र सरकार ने क्या कहा?
केंद्र सरकार ने पटाखों में प्रदूषणकारी सामग्री की मिलावट की रोकथाम के लिए बनाए गए नियम कोर्ट में रखे हैं. अगर कोर्ट इसे मंजूरी दे देता है तो कई ऐसे इलाकों में भी पटाखे की बिक्री संभव हो सकेगी, जहां प्रशासन ने पिछले साल दुकानदारों को इसका लाइसेंस नहीं दिया था.
क्या दलील दी गई?
सुनवाई के दौरान पटाखा उत्पादकों के लिए पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने जस्टिस ए एस बोपन्ना और एम एम सुंदरेश को नए पटाखों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि NEERI यानी नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बेरियम की सीमित मात्रा के साथ पटाखों के निर्माण का फॉर्मूला तैयार किया है.
इससे प्रदूषण में काफी गिरावट आएगी. हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील गोपाल शंकरनारायण ने इसका कड़ा विरोध किया. उन्होंने बेरियम के इस्तेमाल को बिल्कुल मंजूरी न देने की मांग की.
याचिकाकर्ता और दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता ने दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में रोक के बावजूद पटाखों के इस्तेमाल का भी मसला उठाया. उन्होंने कहा कि इससे होने वाले प्रदूषण (Pollution) का सबसे ज़्यादा नुकसान आम लोगों को होता है.
इसपर दिल्ली पुलिस के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि 2016 से अब तक दिल्ली में पटाखों की बिक्री का लाइसेंस नहीं दिया गया है. हर साल भारी मात्रा में पटाखे ज़ब्त भी किए जाते हैं, लेकिन जजों ने इस कार्रवाई को अपर्याप्त बताया.
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