नई दिल्लीः यमुना नदी के खतरे के निशान के पार जाने के एक दिन बाद भी उसके जलस्तर में लगातार इजाफा होते रहने के कारण आज यहां पुराने यमुना पुल पर ट्रैफिक को रोक दिया गया. दिल्ली सरकार ने नदी की स्थिति पर नजर रखने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष और चौबीसों घंटे काम करने वाले आपात संचालन केंद्र स्थापित किये हैं. यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ते रहने पर पुराने पुल पर यातायात बंद करने का आदेश जारी किया गया.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शहर के निचले इलाके से लोगों को हटाने के काम का जायजा लिया और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की. यमुना आज शाम 205.5 मीटर पर बह रही थी और खतरे का निशान 204.83 मीटर है.
दिल्ली पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा
देश की राजधानी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. यमुना नदी खतरे खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हरियाण के हथिनीकुंड बैराज से शनिवार को पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे बाढ़ की आशंका पैदा हो गई है. दिल्ली में यमुना नदी के खतरे के निशान 204.83 मीटर है लेकिन अभी नदी 205.4 मीटर पर बह रही है. हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी पहुंचने के बाद इसके और भी बढ़ने की आशंका है.
प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, केजरीवाल ने बुलाई बैठक
प्रशासन ने यमुना से सटे निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है. प्रशासन ने जगह-जगह सुरक्षा इंतजाम करिए हैं, नाव और गोताखोरों को भी अलर्ट पर रखा गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंतजामों का जायजा लेने के लिए आपात बैठक बुलाई है. परसों एक लाख 80 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. ये पानी दिल्ली पहुंचा तो यमुना खतरे के निशान से ऊपर हो गई. दिल्ली के निचले इलाकों में पानी भर चुका है. यमुना बाजार के पास बनी घाटों की सीढ़ियों पानी में डूब चुकी हैं.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ''हरियाणा ने पांच लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा है. हालात पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाई. यह पानी कल शाम तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है. प्रशासन जहां से भी लोगों को निकालकर ले जा रहा है, वहां पर उनसे सहयोग करने को कहा जा रहा है. सारे विभाग हाई अलर्ट पर हैं. बाढ़ से जुड़ी किसी भी आपात स्थिति के लिए नियंत्रण कक्ष का नंबर 1077 है.'