Anil Chaudhary: बारिश और यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से दिल्ली एनसीआर और आस-पास के इलाकों का हाल बेहाल है. कहा जा रहा है कि इस बार 45 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है. 1978 में ऐसी स्थिति देखने को मिली थी, जब दिल्ली बाढ़ के पानी में डूब गई थी. इस बीच दिल्ली की मौजूदा स्थिति के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने इसे अरविंद केजरीवाल की विफलता बताया है.
उन्होंने कहा, "यह पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल की विफलता है. 1978 और 2013 में तो साढ़े 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, तब दिल्ली का कुछ नहीं बिगड़ा. अभी सिर्फ 3 लाख क्यूसेक छोड़ा गया और दिल्ली कैसे डूब गई?" उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री 5 दिनों में 5 बहाने बना चुके हैं.
दिल्ली और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
उधर, दिल्ली में बाढ़ को लेकर आप और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. दोनों दल एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र और हरियाणा की सरकारों ने जानबूझकर दिल्ली की ओर पानी छोड़ा, जिसकी वजह से शहर में बाढ़ आई. उन्होंने कहा कि पिछले 3-4 दिन में दिल्ली में भारी बारिश नहीं हुई, फिर भी यमुना में जल स्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया.
उन्होंने कहा, "हथिनीकुंड बैराज से तीन नहरों- पश्चिमी नहर, पूर्वी नहर और यमुना में पानी छोड़ा जाता है. नौ से 13 जुलाई के बीच साजिश के तहत यमुना नहर से सिर्फ दिल्ली की ओर पानी छोड़ा गया. पश्चिमी और पूर्वी नहर में पानी नहीं छोड़ा गया." इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ के लिए आप सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार जिम्मेदार है. बीजेपी क प्रवक्ता गौरव भाटिया और पार्टी के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार के पिछले आठ सालों में यमुना से गाद निकालने में नाकामी के कारण बाढ़ आई है.
केजरीवाल ने पीड़ित परिवारों के लिए वित्तीय सहायता का किया ऐलान
हालांकि, यमुना नदी में जलस्तर कम होने लगा है. अब घटकर 206.87 मीटर हो गया. कल बाढ़ के कारण दिल्ली में लोगों के हुए नुकसान के लिए सीएम केजरीवाल ने वित्तीय सहायता की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को 10-10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. उन्होंने ट्विटर पर कहा कि यमुना किनारे रहने वाले कई गरीब परिवारों ने बाढ़ में अपने घर खो दिए हैं और कुछ ने अपना सारा सामान गंवा दिया है.
वहीं, दिल्ली में सरकारी अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर से जुड़े मामले में केंद्र के ऑर्डिनेंस को लेकर अनिल चौधरी ने कहा कि आप और बीजेपी में कॉर्डिनेशन की कमी है. उन्होंने आगे कहा कि आर्डिनेंस पर सपोर्ट इसलिए किया क्योंकि ये चुनी हुई सरकार के अधिकारों में कटौती का मामला है.