दिल्ली: यमुना का जलस्तर पिछले 6 घंटे से स्थिर, निचले इलाके से लोगों को निकाला गया
एक अधिकारी ने कहा कि जल स्तर पिछले छह घंटे से स्थिर है और बाद में और गिरने की आशंका है. हथिनीकुंड बैराज से 16280 क्यूसेक पानी हरियाणा की ओर से सुबह 10 बजे छोड़ा गया.
नई दिल्ली: यमुना नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. फिलहाल कई घंटों से जलस्तर करीब 206.60 मीटर पर है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रेलवे पुल पर यमुना का स्तर सुबह 10 बजे 206.60 मीटर था. यह जल स्तर पिछले छह घंटे से स्थिर है और बाद में और गिरने की आशंका है. एहतियात के तौर पर दिल्ली में नदी के किनारे निचले इलाकों में रहने वाले 15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है.
उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से 16280 क्यूसेक पानी हरियाणा की ओर से सुबह 10 बजे छोड़ा गया. दिल्ली में 1978 में भीषण बाढ़ आई थी, उस समय यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था. उत्तर रेलवे के प्रवक्ता ने कहा कि पुराने यमुना पुल (लोहा वाला पुल) पर ट्रेन की आवाजाही मंगलवार रात को अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई थी. जलस्तर बढ़ता देख लोहा वाला पुल से आम गाड़ियों की आवाजाही पहले ही रोक दी गई थी.
यमुना नदी, दिल्ली में प्रवेश करने से पहले हरियाणा के यमुनानगर, करनाल और पानीपत जिलों से होकर गुजरती है. इसके बाद यमुना यूपी के इलाहाबाद में गंगा में मिलती है. दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. यमुना में पानी बढ़ने की बड़ी वजह भारी बारिश होना है.
किसानों को 40 लाख रुपए का नुकसान दिल्ली की बाहरी सीमा पर यमुना नदी में पानी का स्तर बढ़ने से कम से कम 200 छोटे और सीमांत किसानों की लगभग 40 लाख रुपए की फसलें तबाह हो गई हैं. इन गरीब और असहाय किसानों का कहना है कि यह फसल उनकी आय का एकमात्र जरिया थी और इस नुकसान से उबर पाना उनके लिए नामुमकिन सा है. नदी के पानी के खतरे के निशान से ऊपर आने से पहले 10,000 से अधिक लोग निचले इलाकों से निकल निगमबोध श्मशान घाट में पनाह ली थी. यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है. हरियाणा यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ चुका है.
Inspected Relief Camps at Haathi Ghat and Kanchan Colony set up by Delhi Govt. Interacted with people who have been evacuated and now staying in relief camps. Have directed area DMs to ensure availability of all the relief materials. pic.twitter.com/LJrzXiaMia
— Kailash Gahlot (@kgahlot) August 20, 2019
सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ संभावित इलाकों में रह रहे लोगों से दिल्ली सरकार द्वारा मुहैया कराए गए टेंटों में जाने की अपील की. सरकार ने बिजली, पानी, भोजन और शौचालय की सुविधा से संपन्न 46 राहत शिविरों में 2,120 टेंटों का इंतजाम किया है.