नई दिल्ली: आयुष्मान योजना की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले चार लोगों को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने 4000 से ज्यादा लोगों से धोखाधड़ी की थी और रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर 300 से 500 रुपये वसूल किए थे. यही नहीं इन लोगों ने ऑनलाइन घोटाले को अंजाम देने के लिए अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिविरों का आयोजन भी किया था. गिरफ्तार लोगों में एक महिला भी शामिल है. इन चारों को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लाया गया है जहां उनसे गहन पूछताछ जारी है.
गिरफ्तार लोगों में एक महिला भी शामिल
दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम उमेश निवासी खुर्जा (उत्तर प्रदेश), रजत निवासी नोएडा, गौरव निवासी खुर्जा (उत्तर प्रदेश) और सीमा रानी शर्मा निवासी गाजियाबाद शामिल हैं. पुलिस अधिकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर शाखा को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भारत सरकार की तरफ से एक शिकायत मिली थी जिसमें बताया गया था कि अथॉरिटी को जनता के की ओर से केंद्र सरकार की एक फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को भर्ती कराए जाने के नाम पर धोखाधड़ी किए जाने का पता चला है.
लोगों से 300 से 500 रुपये किए गए वसूल
यह भी पता चला है कि इस फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों से पैसा वसूली की गई है शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने अपनी जांच शुरू की और जांच के दौरान अधिकारियों को पता चला कि इस फर्जी वेबसाइट के जरिए 5000 से ज्यादा नौकरियां दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश बिहार आदि राज्यों में दिखाई गई थी. इन नौकरियों को पाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को कहा गया था और इसके लिए लोगों से 300 से 500 भी वसूल किए गए थे.
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से किए चार मोबाइल बरामद
जांच अधिकारियों ने जिन पैसों का भुगतान बैंक खातों के जरिए किया गया था जब उसकी जांच की तो उससे कनेक्टेड मोबाइल नंबर और वेबसाइट के आईपी एड्रेस का पता चला. मामले की जांच आगे बढ़ी और इस मामले में कुमार रजत सिंह नाम के शख्स तक जांच के तार पहुंच गए और उसके बाद मामला खुलता चला गया. इन चारों की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने इनके कब्जे से एक लैपटॉप 4 मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं.
आरोपियों ने आयुष्मान योजना के नाम पर लोगों को ठगने की साजिश रची
पुलिस का दावा है कि अब तक की पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने सरकार की आयुष्मान योजना के नाम पर लोगों को ठगने की साजिश रची. इस संबंध में, उन्होंने सबसे पहले आयुष्मान योजना ट्रस्ट के नाम से एक ट्रस्ट का गठन किया. आरोप है कि कुमार रजत सिंह ने जो कि वेब डिजाइनर का काम करता है ने एक वेबसाइट को फर्जी तरीके से वास्तविक सरकारी वेबसाइट के रूप में डिजाइन किया.
आरोपियों से पूछताछ जारी
वेबसाइट का उपयोग भर्ती सूचनाओं के माध्यम से हजारों नौकरियों को विज्ञापित करने के लिए किया गया था. आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत वार्ड बॉय, नर्स, लैब असिस्टेंट, फार्मासिस्ट और आयुष मित्रा जैसी 5000 से अधिक नौकरियों के लिए पंजीकरण शुल्क के रूप में लोगों से वसूली की गई. फिलहाल पुलिस ने इन चारों को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया है जहां इन से आगे की पूछताछ जारी है और इस मामले में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
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