(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi: क्रिसमस से न्यू ईयर तक दिल्ली में खूब चले जाम! 218 करोड़ रुपये की लोगों ने पी शराब, टूटा रिकॉर्ड
New Year से एक दिन पहले 31 दिसंबर की शाम को 45.28 करोड़ रुपये की 20.30 लाख बोतलों की सबसे अधिक शराब की बिक्री दर्ज की गई. इसी के साथ सरकार ने दिसंबर में बिक्री से 560 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया है.
Liquor Sale On New Year: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नए साल के जश्न पर 45.28 करोड़ रुपये की शराब बिकी. इसके साथ ही 20.30 लाख बोतलों की सबसे अधिक शराब की बिक्री दर्ज की गई है. पीटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, क्रिसमस से लेकर नए साल (24 से 31 दिसंबर) तक सप्ताह भर चलने वाले इस प्रोग्राम के बीच दिल्ली में शराब की एक करोड़ से अधिक बोतलों की बिक्री हुई है, जिसकी कीमत ₹218 करोड़ से अधिक थी. यह पिछले तीन सालों में सबसे उच्च रिकॉर्ड रहा है.
जानकारी के मुताबिक, न्यू ईयर से एक दिन पहले यानी 31 दिसंबर की शाम को 45.28 करोड़ रुपये की 20.30 लाख बोतलों की सबसे अधिक शराब की बिक्री दर्ज की गई. सीनियर एक्साइज डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 24 दिसंबर से 31 दिसंबर तक शराब की कुल 1.10 करोड़ बोतलें बेची गईं, जिनमें ज्यादातर व्हिस्की शामिल थीं.
उन्होंने बताया कि 24 दिसंबर को शहर में कुल 14.7 लाख बोतलें बेची गईं, जिनकी कीमत 28.8 करोड़ रुपये थी. अधिकारी ने कहा कि 27 दिसंबर को राजधानी में सबसे कम शराब की बोतलें बेची गईं, जिनकी कीमत 19.3 करोड़ रुपये से कम की 11 लाख बोतलें थीं.
13.8 लाख शराब की बोतलों की दर्ज की गई एवरेज बिक्री
अधिकारी के मुताबिक, दिसंबर में राष्ट्रीय राजधानी में 13.8 लाख शराब की बोतलों की ऐवरेज बिक्री दर्ज की गई, जो की तीन वर्षों में साल के अंत में सबसे अच्छी बिक्री थी. इसी के साथ, दिल्ली सरकार ने दिसंबर में बिक्री से 560 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया है. साल 2021 में दिल्ली में दिसंबर में 12.52 लाख, 2020 में 12.95 लाख और 2019 में 12.55 लाख बोतलों की बिक्री हुई थी.
एक्साइज डिपार्टमेंट का कहना है कि यह बिक्री शराब की दुकानों और क्लब समेत अन्य जगहों से की गई. उच्च शराब की बिक्री राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और केंद्र के बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर एक्साइज नीति को लेकर बड़े पैमाने पर राजनीतिक प्रदर्शन के बाद हुई है. एक्साइज पॉलिसी नीति का मतलब राष्ट्रीय राजधानी में खुदरा शराब कारोबार से दिल्ली सरकार का बाहर निकलना था.
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