नई दिल्ली: दिल्ली में गिरफ्तार हुए मोस्टवांटेड क्रिमिनल काला जठेड़ी के साथ लेडी डॉन अनुराधा चौधरी उर्फ मैडम मिंज उर्फ रिवाल्वर रानी भी गिरफ्तार हुई है. काला जठेड़ी के साथ गिरफ्तार हुई लेडी डॉन अनुराधा चौधरी उर्फ मैडम मिंज उर्फ रिवाल्वर रानी जांच अधिकारियों से सिर्फ फर्राटेदार अंग्रेजी में बात कर रही है. इतना ही नहीं सूत्रों ने ये भी बताया कि उसने पढ़ाई के लिए इंग्लिश बुक की भी मांग की है जोकि उसे दे दी है है.


जानकारी के मुताबिक पूछताछ में लेडी डॉन ने बताया कि उसी ने काला जठेड़ी को हुलिया बदलने के लिए कहा था. उसके कहने पर ही जठेड़ी ने सरदार का हुलिया बना लिया था. इतना ही नहीं दोनों ने 6 महीने पहले मंदिर में शादी कर ली थी और पति पत्नी की तरह रहने लगे थे. फेक आईडी पर दोनों ने अपना नाम भी बदल लिया था. जठेड़ी ने अपना नाम रखा था पुनीत भल्ला और लेडी डॉन ने अपना नाम रखा था पूजा भल्ला.


पुलिस के सूत्रों की माने तो दोनों जहां भी रहे वहाँ पति पत्नी बनकर रहे. बिहार के पूर्णिया, आन्ध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश के इंदौर, देवास, रुड़की, पंजाब, मुम्बई, हरिद्वार लगातार अपनी लोकेशन बदलते रहे. सेल के सूत्रों ने बताया कि लेडी डॉन ने काला जठेड़ी के गैंग के सभी गुर्गों को ये कहा हुआ था कि अगर वो पुलिस के हत्थे चढ़ जाए तो पुलिस को कहना कि भाई (काला जठेड़ी) भारत में नहीं है. बल्कि विदेश से ऑपरेट कर रहा है. ऐसा इसलिए किया गया था ताकि जांच एजेंसियों को भटकाया जा सके.


जठेड़ी से पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ है कि लेडी डॉन उसे उसकी फरारी के दौरान उसे नेपाल ले गई. नेपाल में वो उसे आनंदपाल के ठिकाने पर ले गई थी. जब वो आंनदपाल के साथ काम करती थी तब वो उसके साथ भी नेपाल गई थी. नेपाल जाने के दो मकसद थे एक पैसों की ट्रेल को अवॉइड करना और दूसरा फेक पासपोर्ट बनवाकर विदेश निकल जाना. 


दरअसल नेपाल से हवाला के जरिए पैसों को कैनेडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बरार के पास भेजा जाता था और फिर गोल्डी बरार अपने नेटवर्क के जरिए E- वॉयलेट के जरिए पैसे इनको वापस भेज देता था. इससे जांच एजेंसियों को मनी ट्रेल के बारे में जानकारी नहीं मिलती थी. 


पुलिस के सूत्रों ने ये भी बताया कि फरारी के दौरान मैडम मिंज ने ही काला जठेड़ी को भारत में किसी से भी फोन पर बात ना करने की हिदायत दी थी. ये ही वजह है कि पुलिस इन तक नहीं पहुंच पा रही थी. दरअसल काला जठेड़ी को जब भी अपने किसी गुर्गे से बात करनी होती थी तब वो विदेश में बैठे गैंगस्टर को कॉल करता था और उससे बताता था कि उसे किससे बात करनी है. 


विदेश में बैठा गैंगस्टर अपने दूसरे फ़ोन से उस शख्स को कॉल करता था जिससे जठेड़ी को बात करनी होती थी और फिर दोनों फोन के स्पीकर ऑन कर देता था. जठेड़ी की भारत में बात भी हो जाती थी और किसी को पता भी नहीं चलता था. ये सभी कॉल इंटरनेट कॉल के जरिए की जाती थी. पूछताछ में पुलिस अब दोनों के ठिकानों का पता लगा रही है. फरारी के दौरान दोनों कहा कहा रुके और किस किस ने मदद की ये पता किया जा रहा है.


आखिर कैसे एक पढ़ी लिखी एमबीए पास लड़की जुर्म की दुनिया में शामिल हुई? 
राजस्थान के सीकर के फतेहपुर के अलफसर की गांव की रहने वाली अनुराधा चौधरी पढ़ाई में काफी तेज थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि अनुराधा की माँ की मौत जब वो छोटी थी तभी हो गई थी. उसके पिता सरकारी नौकरी करते थे. एमबीए करने के बाद अनुराधा को दीपक मिंज नाम के एक लड़के से प्यार हुआ. दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन ये दोनों के ही परिवार को मंजूर नहीं था. लिहाज़ा घरवालों की मर्जी के खिलाफ अनुराधा और दीपक ने शादी कर ली. दीपक मिंज का शेयर ट्रेडिंग का काम था. 


शादी के बाद अनुराधा भी उसके काम में हाथ बटाने लगी और जल्द ही शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव के बारे में उसने सब कुछ सीख लिया. दोनों मिलकर बड़े बड़े बिजनेसमैन की काली कमाई को शेयर के जरिए सफेद करने लगे. लेकिन एक दिन कुछ लोगों का पैसा मार्किट में डूब गया. लोग अपने पैसों के लिए उस पर दवाब बनाने लगे. 




इसी बीच साल 2013 में उसकी मुलाकात एक हिस्ट्रीशीटर सुभाष बानूड़ा से हुई और सुभाष ने मैडम मिंज को राजस्थान के एक बड़े गैंगस्टर आंनदपाल सिंह मिलवाया. अनुराधा ने गैंगस्टर आनंदपाल को बताया कि लोग उसे पैसों के लिए परेशान कर रहे है. आंनदपाल ने उसे कहा वो उसकी गैंग में शामिल हो जाए कोई कुछ नहीं कहेगा. अनुराधा को आनंदपाल सिंह की बात समझ आ गई और वो उसकी गैंग में शामिल हो गई. इसके बाद उसने अपने पति का भी साथ छोड़ दिया.


अब अनुराधा चौधरी को एक नया नाम मिला. गैंग के लोग उसे मैडम मिंज कह कर बुलाने लगे. आंनदपाल के गैंग में अनुराधा अब दूसरे नंबर पर आ गई थी. अब उसके धंधे की कमान भी वो संभाल रही थी. गैंग के कई महत्वपूर्ण फैसले भी वो लेने लगी थी. आंनदपाल सिंह के गैंग में रहते हुए ही उनसे हथियार चलना भी सीख लिया. ए के 47 मैडम मिंज को ज्यादा पसंद थी. 


पुलिस के मुताबिक जब अनुराधा को किसी कारोबारी को धमकाना होता था तो वो ए के 47 चला कर धमकाती थी. इतना ही नहीं उसने गैंगस्टर आंनदपाल सिंह का हुलिया भी पूरी तरह बदल दिया था. उसे एक दम स्टाइलिश बना दिया था. वो सर पर हैट लगाकर चलता था और काले रंग की जैकेट पहनने लगा था. 


पुलिस के मुताबिक लेडी डॉन पर 10 मामले दर्ज है. पहला मामला साल 2013 में दर्ज हुआ था. उसके बाद लगातार अपहरण और रंगदारी के मामले दर्ज होते गए. साल 2020 में मैडम मिंज पर राजस्थान में रंगदारी का मामला दर्ज हुआ जिसमें पुलिस ने उसके ऊपर 10 हज़ार रुपये का इनाम भी रखा था. 


राजस्थान के डीडवाना में 27 जून 2006 को एक जीवनराम गोदारा नाम के शख्स की हत्या आनंदपाल सिंह और उसके साथियों ने की थी. इस हत्याकांड ने पूरे राजस्थान में सनसनी फैला दी थी. इस हत्या का मुख्य गवाह जीवनराम गोदारा का भाई इन्द्रचंद्र था. इस गवाह को मैडम ने साल 2014 में किडनैप कर लिया था. और उसे अपने गुर्गों के पुणे लेकर चली गई थी. 


इन्द्र चंद्र को एक फ्लैट में रखा गया था उसपर गवाही ना देने का दबाव बनाया जा रहा था तभी एक दिन मौका पाकर गवाह इन्द्र चंद्र ने एक पर्ची पर लिखा कि उसे किडनैप कर लिया गया है उससे मदद की जरूरत है उसने वो पर्ची खिड़की से नीचे फेक दी. तब उस समय लोगों ने उस फ्लैट को घेर लिया था. बड़ी मुश्किल से मैडम मिंज अपने साथियों के साथ जान बचा कर वहां से निकली.


साल 2017 में गैंगस्टर आनंदपाल की एनकाउंटर में मौत हो गई. उसके बाद लेडी डॉन अकेली पड़ गई. गैंग भी टूट गया. काफी समय तक अनुराधा चौधरी फरार रही. अब अनुराधा उर्फ मैडम मिंज ने दामन थामा बदमाश लारेन्स बिश्नोई गैंग का. हालांकि लॉरेन्स जेल में था. अब वो लॉरेन्स बिश्नोई के गैंग साथ काम करने लगी. उसी के साथ काम करते करते मैडम मिंज की मुलाकात हुई गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी से. अब मैडम मिंज काला जठेड़ी के साथ रहने लगी.


जठेड़ी भी मैडम मिंज का कायल हो गया. काला जठेड़ी को पता था कि वो गैंगस्टर आंनदपाल सिंह के साथ काम कर चुकी है और जुर्म की दुनिया की एक बेहद शातिर खिलाड़ी है. उनसे उसका नाम रखा रिवाल्वर रानी. पुलिस की माने तो जठेड़ी की फरारी के समय रिवाल्वर रानी लगातार उसके साथ ही थी. काला जठेड़ी और लेडी डॉन अनुराधा पुलिस रिमांड पर है. 


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