नई दिल्ली: दिल्ली में कूड़े के ढेर (लैंडफील) पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सख्त टिप्पणी की है. अदालत ने उप राज्यपाल (LG) को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट दिसम्बर तक शुरू होंगे. तब तक आप किसी के घर से निकला कचरा, दूसरों के घर के सामने फेकेंगे. फिर क्यों न इसे राजनिवास (उप राज्यपाल का आवास) के बाहर फेंका जाए?


कोर्ट ने कूड़ा फेंकने पर सोनिया विहार के लोगों के विरोध को जायज बताया. कहा, "क्योंकि वहां साधारण लोग रहते हैं, तो आप उनके घरों के पास कूड़े का पहाड़ खड़ा करना चाहते हैं?" कोर्ट ने अलग-अलग तरह के कूड़े को एक साथ डंप किये जाने पर नाराज़गी जताई. कोर्ट ने कहा, "इन्हें अलग क्यों नहीं किया जाता? घरों से ही इसकी शुरुआत क्यों नहीं की जाती? लोगों को इस बारे में बताएं. जो इसका पालन न करें, उन पर जुर्माना लगाएं." अब इस मामले में 17 अगस्त को सुनवाई होगी.





आपको बता दें कि दिल्ली में कई बड़े-बड़े लैंडफील साइट हैं. इसको खत्म करने को लेकर सरकार के रवैये से नाराज संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इसी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है. पिछली सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल, दिल्ली और केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा था कि आप बताइए कि कितने दिन में 3 लैंडफिल साइट से कूड़ा हटेगा. हमें इससे नहीं मतलब की आप बैठकों में चाय-कॉफी पीते हुए क्या कर रहे हैं. आप ये बताइए कि कूड़ा कब हटेगा?


SC की LG को फटकार-  क्यों कूड़े का ढेर बढ़कर कुतुब मीनार से महज़ 8 मी कम रह गया है?