(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ghazipur Landfill Fire: आग के बाद लोगों की बढ़ी परेशानी, सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की हो रही समस्या
ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट के ठीक सामने मुल्लां कॉलोनी और राजबीर कॉलोनी में तकरीबन 40 से 50 हज़ार लोग रहते हैं जो सोमवार से ही अपने घर के दरवाज़े बंद रखने को मजबूर हैं.
दिल्ली के गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर भीषण आग के बाद आसपास रहने वाले लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ साथ आंखों में जलन की समस्या हो रही है. दिल्ली के गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर सोमवार दोपहर 2:30 बजे के करीब फायर डिपार्टमेंट को वहां आग लगने की सूचना मिली थी. जिसके बाद मौके पर तुरंत ही 5 फायर टेंडर्स को भेजा गया, आग बढ़ते बढ़ते इतनी बढ़ गई कि मुल्ला कॉलोनी और राजवीर कॉलोनी के नाले की तरफ वाले कूड़े के ढेर पर आग की लपटें और धुंआ बढ़ने लगा. हालांकि रात 8 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया था. लेकिन वहां आस पास इलाके में रहने वाले लोगों को सांस लेने में परेशानी, धुंए और धुंध की वजह से आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो रही है जिस कारण अस्पताल जाने को मजबूर हो गए हैं.
गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग के बाद लोगों की परेशानी बढ़ी
ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट के ठीक सामने मुल्लां कॉलोनी और राजबीर कॉलोनी में तकरीबन 40 से 50 हज़ार लोग रहते हैं जो सोमवार से ही अपने घर के दरवाज़े बंद रखने को मजबूर हैं. घर के दरवाज़े खोलते ही घर के अंदर धुंआ भर रहा है और बदबू से लोग परेशान दिखे. मुल्ला कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि इससे काफी बदबू आ रही है और प्रदूषण भी हो रहा है. मुल्ला कॉलोनी में रहने वाली शाहीन का घर लैंडफिल साइट के ठीक सामने है. उनका परिवार यहां 10 साल से रह रहा है. छोटे-छोटे बच्चों को लेकर इस परिवार के मन में डर है कि कहीं इन्हें कोई बीमारी न हो जाए. इस इलाके के लोगों का कहना है कि यहां कुछ बदलाव नहीं हुआ और यहां आकर लगता ही नहीं है कि हम दिल्ली आए हैं.
आम लोगों ने निगम और सरकार को ठहराया जिम्मेदार
आस पास के इलाके के लोगों ने निगम और सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सालो से बात हो रही है लेकिन काम किसी ने नहीं किया. कई परिवार इस इलाके में पिछले 10-15 सालों से रह रहे हैं. इन परिवारों का कहना है कि घर का दरवाजा खोलते ही बदबू आने लगती है. यहां से रास्ते में गुजरने के दौरान भी काफी बदबू आती है. बुजुर्ग के साथ साथ बच्चों की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. इस पूरे मामले पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष मनोज त्यागी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आग लगी नहीं लगाई गई है.
ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर 2019 से अब तक आग लगने की घटनाओं का आंकड़ा देखे तो फायर डिपार्टमेंट की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक
2019 में 6 बार फायर डिपार्टमेंट को कॉल मिली
2020 में 8 बार फायर डिपार्टमेंट को कॉल आई
2021 में 4 बार फायर डिपार्टमेंट को कॉल आई
2022 में अब तक 1 कॉल जो कि कल सोमवार 29 मार्च को मिली.
फायर की घटनाएं इस लैंडफिल साइट पर होती रहती है. खासकर के गर्मियों के मौसम में ये समस्या आती है लेकिन सालों से इसका कोई समाधान नहीं निकला है.
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