सरकारी स्कूलों में 'मिड-डे मील' योजना में दिल्ली सरकार ने किया बदलाव, छात्रों के नाम पर अभिभावकों को दिया जाएगा राशन
दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील बांटे जाने की योजना में बदलाव किया है. अब छात्रों के नाम पर उनके अभिभावकों को राशन दिया जाएगा.
दिल्ली: सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील बांटे जाने की योजना में दिल्ली सरकार ने बदलाव किया है. कोरोना के चलते दिल्ली में स्कूल बंद होने के कारण सरकार मिड-डे मील की जगह छात्रों के अभिभावकों के खातों में मार्च महीने से अब तक पैसा ट्रांसफर कर रही थी. लेकिन अब दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि छात्रों के नाम पर उनके अभिभावकों को राशन दिया जाएगा.
केजरीवाल सरकार के मुताबिक लगभग 8 लाख स्कूली छात्रों को पूरी दिल्ली में राशन किट बांटी जाएगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के साथ मंडावली के राजकीय सर्वोदय विद्यालय में मिड-डे मील राशन किट बांटने पहुंचे. राशन किट में गेंहू, चावल, तेल और दाल बांटी जा रही है.
दरअसल दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील मुफ्त में मुहैया कराती है. कोरोना के चलते दिल्ली स्कूल बंद थे इसलिए दिल्ली सरकार मिड-डे मील की जगह छात्रों के अभिभावकों के खातों में पैसा ट्रांसफर कर रही थी. लेकिन अब दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि वो छात्रों के नाम पर उनके अभिभावकों को राशन देंगे. अभिभावक राशन किट बच्चे के स्कूल से ले सकते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज इस योजना 'मिड-डे मील राशन किट' की शुरुआत की और राशन किट लांच की.
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में सूखा राशन 8 लाख बच्चों के अभिभावकों स्कूल से बांटा जाएगा. ये देश की पहली योजना है. जब तक स्कूल बंद रहेंगे तब तक मिड डे मील राशन की योजना चलती रहेगी. जानकारी के मुताबिक इस राशन किट में प्राइमरी क्लास के लिए कुल 20 किलो अनाज (गेहूं, चावल, दाल) और तेल मिलेगा.
वहीं अपर प्राइमरी के लिए कुल 30 किलो राशन (गेहूं, चावल, दाल) और तेल मिलेगा. यह योजना अगले 6 महीने के लिए लागू रहेगी और 6 महीने के राशन की किट एक साथ दी जा रही है.
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