दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने सड़कों पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए फील्ड टास्क फोर्स तैनात की है. टास्क फोर्स सड़कों पर रहने वाले बच्चों की पहचान कर शैक्षिक, वित्तीय और अभिभावक सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी. डीडीसी (दिल्ली डॉयलॉग कमीशन) के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में बेघर और सड़कों पर रहने वाले बच्चों की देखभाल के मकसद से एक व्यापक योजना तैयार की है.
10 करोड़ की लागत से एक आवासीय स्कूल बनाएगी सरकार
केजरीवाल सरकार ऐसे बच्चों के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से एक आवासीय स्कूल बनाएगी. दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कहा कि सड़कों पर भीख मांगने, सामान बेचने और रेड लाइट पर अपना दिन बिताने वाले बच्चों के शोषण का गंभीर खतरा है. दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसीडी) ने दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) के साथ मिलकर सलाम बालक ट्रस्ट और यूथ रीच के साथ एक योजना शुरू की है, ताकि सड़क पर मौजूद बच्चों का पुनर्वास के लिए एक फील्ड टास्क फोर्स की तैनाती की जा सके.
मकसद सड़क पर रहने वाले बच्चों के जीवन स्तर को उठाना है
इस योजना का मकसद सड़क पर रहने वाले बच्चों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना है, जिससे की इन हालात का मुकाबला कर कमजोर बच्चों को जिम्मेदार नागरिकों के रूप में विकसित करने में मदद की जा सके. टास्क फोर्स सड़क पर रहने वाले बच्चों की पहचान कर शैक्षिक, वित्तीय और अभिभावक सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
कमजोर बच्चों को भावनात्मक-मनोवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान करेगा स्कूल
दिल्ली सरकार की ओर से आवासीय विद्यालयों के जरिए सड़क पर रहने वाले बच्चों को सीखने के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की योजना को और मजबूत किया जाएगा. डीडीसी दिल्ली के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने दिल्ली में बेघर और सड़कों पर रहने वाले बच्चों की देखभाल के उद्देश्य से एक व्यापक योजना विकसित की है. इस साल के बजट में एक आवासीय स्कूल बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया है. यह स्कूल न केवल शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि कमजोर बच्चों को भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान करेगा. इस टास्क फोर्स को शुरू करके हम इन बच्चों को शिक्षा, वित्तीय सहायता और संरक्षण सहित बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर पाएंगे.
टीम में केस वर्कर और काउंसलर शामिल होंगे, जिलेवार होगी तैनाती
टास्क फोर्स को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा, जिसकी शुरुआत दक्षिण और दक्षिण-पूर्व जिलों से होगी. इस टीम में केस वर्कर और काउंसलर शामिल होंगे, जिन्हें जिलेवार तैनात किया जाएगा. यह बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) के साथ मिलकर काम करेंगे. टास्क फोर्स पुनर्वास के पांच मॉडल पर ध्यान केंद्रित करेगी. इसमें पहला शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण, दूसरा परामर्श और चिकित्सा सहायता, तीसरा स्पोंसरशिप, चौथा संरक्षकता और पांचवां बच्चे के लिए आश्रय और घर शामिल है.
हेल्पलाइन नंबर 9311551393 पर आम नागरिक भी दे सकते हैं सूचना
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कहा कि सड़कों पर भीख मांगने, सामान बेचने और रेड लाइट पर अपना दिन बिताने वाले बच्चों के शोषण का एक गंभीर खतरा है. यह बच्चे स्कूलों में जाने और सोने के लिए सुरक्षित जगह पाने के हकदार हैं. इस योजना की शुरुआत के साथ आयोग सड़कों पर रहने वाले बच्चों की पहचान, रोकथाम और राहत के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, डीसीपीसीआर की 24*7 आपातकालीन हेल्पलाइन सहित एक व्यापक तंत्र शुरू कर रहा है. इन पहल के जरिए हम ऐसे सभी बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे. सड़कों पर ऐसे बच्चे नजर आने पर हेल्पलाइन नंबर 9311551393 पर आम नागरिक सूचना भी दे सकते हैं.
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