नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने हाल ही में गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर स्टीकर ना होने पर कार्रवाई की बात कही थी. दिल्ली सरकार के 22 सितंबर को दिए हुए इस आदेश से लोगों को खासी दिक्कतें आ रही थीं. इसी को लेकर दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और इस बैठक में अभी एसएचआरपी को लेकर के कोई एक्शन ना लेने के निर्देश दिए. इस बैठक में उन्होंने साफ किया कि ग्राहकों को अभी फिलहाल कुछ समय मिलना चाहिए.
साथ ही साथ एचएसआरपी निर्माताओं और डीलरों को एक उचित सिस्टम तैयार करने के लिए कहा है और उससे पहले यह निर्देश दिए हैं कि अभी कोई ऑनलाइन बुकिंग ना करे और जिन वाहनों की अब तक बुकिंग हो चुकी है, उनपर नंबर प्लेट लगा दी जाए.
जनता की शिकायतों को देखते हुए बैठक के दौरान कैलाश गहलोत ने कहा कि जब तक कोई उचित व्यवस्था ना बन जाए, अगले आदेश तक एसएचआरपी नियम लागू ना की जाए. परिवहन मंत्री ने कहा, "हमारा उद्देश्य जनता को सुविधा प्रदान करना है. लोगों के एक वर्ग द्वारा यह ग़लत मतलब निकाला गया है कि हम तत्काल एचएसआरपी नियम लागू करने जा रहे हैं. इससे वाहन मालिकों में हड़कंप मच गया है, हमने डीलरों और एचएसआरपी निर्माताओं को निर्देश दिया है कि जब तक उचित व्यवस्था लागू ना हो जाए, तब तक एचएसआरपी लगाने के लिए कोई समय ना दें. इसके अलावा, हम अपनी तरफ से स्पष्ट कर रहें हैं कि हम वाहन मालिकों को एचएसआरपी और कलर कोडेड स्टीकर लगाने के लिए पर्याप्त समय देंगे."
दिल्ली में लगभग 30 लाख से ज्यादा वाहनों में यह सुविधा नहीं है
दिल्ली की सड़कों पर चल रहे वाहनों में 30 लाख से भी ज़्यादा ऐसे वाहन हैं, जिन पर एचएसआरपी या कलर कोडेड स्टीकर नहीं हैं. दिल्ली सरकार की कोशिश है कि घर पर बैठे-बैठे लोगों तक यह सुविधा पहुंचाई जा सके. लोगों को भरोसा दिलाते हुए परिवहन मंत्री ने कहा है कि फिलहाल ऐसे वाहन जिन पर यह सुविधा नहीं है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
क्यों है ये नियम ज़रूरी
वाहनों की तुरंत पहचान करने के लिए इसमें प्रयोग होने वाले ईंधन की प्रकृति के मुताबिक अलग-अलग रंगों के होलोग्राम आधारित रंगीन स्टीकर लगाए जाएंगे. पेट्रोल और सीएनजी वाहनों के लिए हल्का नीला रंग, डीजल वाहनों के लिए संतरी रंग और अन्य ईंधन से चलने वाले वाहनों के लिए ग्रे रंग के स्टीकर लगाने का आदेश दिया गया है. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने पिछले साल 16 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा था कि राज्यों की अनुमति से मान्यता प्राप्त डीलर भी ये स्टीकर व हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा सकते हैं.
बात करें राजधानी दिल्ली की तो यहां पर लगभग एक करोड़ से ज़्यादा वाहन हैं. इसमें नए वाहनों में पहले से ही हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगी हुई है और पुराने वाहनों को ये प्लेट लगाने के लिए समय दिया गया है. ट्रांसपोर्ट मंत्रालय इसको पूरी तरह से लागू करने और अनिवार्य बनाने की दिशा में काम कर रहा है.
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट क्या है?
ये एक नए तरह की नंबर प्लेट है, जो आपकी सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है. यह प्लेट एल्युमीनियम की बनी हुई है और इस पर एक होलोग्राम भी होगा, जिस पर चक्र बना होगा. यह होलोग्राम एक स्टीकर होगा, जिसपर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर लिखा होता है. सबसे अच्छी बात यह कि ये होलोग्राम जल्दी नष्ट नहीं हो सकता. इसके अलावा इस प्लेट पर 7 अंकों का एक यूनीक लेजर कोड भी होगा जो हर वाहन के नंबर प्लेट पर अलग-अलग होगा.
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