Delhi News: दिल्ली सरकार की कंस्ट्रक्शन वर्कर के लिए नई योजना, साइट पर होगा हेल्थ चेकअप
Delhi Government New Scheme: इस योजना के तहत हर जिले में मेडिकल चेकअप कैंप के आयोजन के साथ-साथ हर जिले में मोबाइल वैन विभिन्न निर्माण स्थल पर जाकर निर्माण श्रमिकों का रूटीन चेक-अप करेंगे.
Delhi Government New Scheme: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की अध्यक्षता में सोमवार को दिल्ली कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड (Delhi Construction Welfare Board) की 39वीं बोर्ड मीटिंग का आयोजन किया गया. बैठक में निर्माण श्रमिकों के लिए कुछ नई स्कीम (New Scheme) लाने पर चर्चा हुई. जिसमें निर्माण साईट पर ही निर्माण श्रमिकों के रूटीन मेडिकल चेकअप (Routine Medical Checkup) के लिए ‘डॉक्टर ऑन व्हील योजना’ (Doctor on Wheel Scheme), निर्माण साइट पर ही श्रमिकों के बच्चों को डे-केयर सुविधाएं देने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मोबाइल क्रेच और श्रमिकों को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को लेकर आसान पहुंच हो, इसलिए कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड द्वारा अपने वेबसाइट को अपग्रेड करना भी शामिल है. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इन सभी नई योजनाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि निर्माण श्रमिकों को इसका लाभ मिल सके.
दिल्ली सरकार निर्माण श्रमिकों के लिए डॉक्टर ऑन व्हील योजना की शुरुआत करने वाली है. इस योजना के तहत हर जिले में मेडिकल चेकअप कैंप के आयोजन के साथ-साथ हर जिले में मोबाइल वैन विभिन्न निर्माण स्थल पर जाकर निर्माण श्रमिकों का रूटीन चेक-अप करेंगे. सरकार अपनी एक और महत्वपूर्ण योजना के तहत निर्माण साईट पर विभिन्न आधुनिक सुविधाओं से लैस मोबाइल क्रेच की शुरुआत करने वाली है. जहां निर्माण साईट पर ही श्रमिकों के बच्चों को बेहतरीन डे-केयर मिल सकेगा. बता दें कि सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिए फ्री यात्रा स्कीम की भी शुरुआत की गई है. जहां निर्माण श्रमिकों को डीटीसी बसों में फ्री यात्रा करने के लिए पास उपलब्ध करवाया जाता है.
बोर्ड जल्दी ही शुरू करेगा नई वेबसाइट
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में बोर्ड के पास लेबर कार्ड बनवाने के लिए 17 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं. ऐसे में पात्र लोगों को ही इसका फायदा मिले ये सुनिश्चित करने के लिए श्रम मंत्री ने अधिकारियों को एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सोशल ऑडिट करवाने का निर्देश दिया. इसके लिए 2 सदस्यीय कमिटी बनाई जाएगी जो ऑडिट के लिए बोर्ड को अपने प्रपोजल भेजेगी और उसके अनुसार ऑडिट करवाया जाएगा. पिछले दिनों श्रम मंत्री द्वारा अशोक विहार स्थित श्रम कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया था. श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया ने यहां अनियमितता पाए जाने पर कई कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया गया था. श्रमिकों को सरकार द्वारा बनाई गई विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े इसे देखते हुए बोर्ड जल्द ही एक नई वेबसाईट की भी शुरुआत करने वाला है.
निर्माण श्रमिकों को दी जाएगी ट्रेनिंग
केजरीवाल सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों की अपस्किलिंग के लिए दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी द्वारा ‘कुशल कर्मी’ नाम से एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है. जहां निर्माण श्रमिकों को निर्माण स्थल पर ही ट्रेनिंग दी जाती है. उपमुख्यमंत्री सिसोदिया द्वारा इस स्किल प्रोग्राम के प्रगति की समीक्षा की गई. जहां अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में ये प्रोग्राम 3 निर्माण स्थलों पर 200 निर्माण श्रमिकों के साथ पायलट फेज में चलाया जा रहा है और इसके अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे है. पायलट फेज के अनुभवों के आधार पर इस स्किल प्रोग्राम के दायरे को बढ़ाते हुए पीडब्लूडी , डीडीए, डीएमआरसी आदि द्वारा चल रहे विभिन्न कंस्ट्रक्शन साइट के माध्यम से 2 लाख निर्माण श्रमिकों की अपस्किलिंग की जाएगी. बता दें कि 120 घंटे की इस ट्रेनिंग को पूरा करने वाले निर्माण श्रमिकों को कोर्स का सर्टिफिकेट और टूल-किट उपलब्ध करवाया जाता है.
निर्माण श्रमिकों के वेलफेयर के लिए शुरू की गई है 17 स्कीम
दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने निर्माण श्रमिकों (Construction Labour) की बेहतरी के लिए 17 स्कीमों की शुरुआत की है. बोर्ड से रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को इन योजनाओं का लाभ मिलता है. इन योजनाओं के तहत निर्माण श्रमिकों को घर निर्माण के लिए 3 लाख से 5 लाख रुपये, मातृत्व लाभ (Maternity Scheme) में 30 हजार रुपये, टूल खरीदने के लिए 20 हजार रुपये का लोन और 5 हजार रुपये की सहायता राशि, श्रमिकों के प्राकृतिक मृत्यु पर 1 लाख व दुर्घटना मृत्यु पर 2 लाख की सहायता राशि, अपंग हो जाने पर 1 लाख की सहायता राशि और 3 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन (Pension), बच्चों की स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए 500 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह, श्रमिकों और उनके बच्चों के विवाह के लिए 35 हजार से 51 हजार रुपये की सहायता राशि, पेंशन के रूप में 3 हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि दी जाती है. अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल विभिन्न योजनाओं के क्लेम के तहत 2440 निर्माण श्रमिकों को लगभग 13 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई.
यह भी पढ़ेंः
Bengal SSC Scam: अर्पिता मुखर्जी के पास मिले कैश को लेकर बोले पार्थ चटर्जी, 'पैसे मेरे नहीं हैं'