नई दिल्ली: फरवरी 2016 में जेएनयू में लगे देश विरोधी नारों के मामले में अभी तक दिल्ली सरकार ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह की धारा के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आज मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि अभी तक दिल्ली सरकार से अनुमति नहीं मिली है.


अदालत ने क्या कहा


मामले की सुनवाई करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह दिल्ली सरकार को एक बार फिर से अनुमति के लिए आग्रह करें और दिल्ली सरकार से कहा है कि वह स्टेटस रिपोर्ट दायर कर बताएं की स्थिति क्या है. मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी.


देशद्रोह की धारा लगाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी


इससे पहले दिल्ली पुलिस ने पिछले साल जनवरी महीने में कन्हैया कुमार समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह की धारा के तहत चार्जशीट दायर की थी, लेकिन नियमों के मुताबिक अगर किसी भी आरोपी के खिलाफ देशद्रोह की धारा लगी होती है तो उसके लिए राज्य सरकार से अनुमति लेना जरूरी होता है. तभी अदालत चार्जशीट पर संज्ञान ले सकती है. इसी वजह से पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था कि क्या दिल्ली सरकार से देशद्रोह की धारा को लेकर अनुमति ली गई थी जिस पर दिल्ली पुलिस ने जवाब देते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार से अनुमति मांगी गई लेकिन वह अनुमति दे नहीं रहे थे और इसी वजह से सीधा अदालत में चार्जशीट दायर कर दी गई. इसके बाद अदालत ने चार्जशीट पर यह कहते हुए संज्ञान लेने से फिलहाल इनकार कर दिया था कि दिल्ली सरकार देशद्रोह की धारा को लेकर अपना रुख साफ करे.


फरवरी 2016 में जेएनयू में लगे थे देश विरोधी नारे


गौरतलब है 9 फरवरी 2016 को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी परिसर में देश विरोधी नारे लगाने के कई वीडियो सामने आए थे. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच करते हुए तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की थी और उसी आधार पर पिछले साल अदालत में चार्जशीट दायर की थी जिसमें कन्हैया कुमार समेत अन्य आरोपियों पर देशद्रोह की धारा लगाई गई थी.


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