नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स (वैट) बढ़ाए जाने की निंदा करते हुए कांग्रेस ने दिल्ली सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है. केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण जहां जनता सरकार से टैक्स में कटौती जैसी राहत की उम्मीद में थी वहीं इसके उलट सरकार ने टैक्स में बढ़ोतरी कर दी. कांग्रेस ने अपने शासनकाल के वक्त के टैक्स दरों की याद भी दिलाई है.


दिल्ली में डीजल पर 7.10 रुपए और पेट्रोल पर 1.70 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा इस वक्त सरकार को लोगों की जिंदगी बचाने पर ध्यान देना चाहिए ना की अपना खजाना भरने पर. माकन ने कहा कि "दिल्ली में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान पेट्रोल पर 20% और डीजल 12.5% टैक्स था. वैट एक्ट 2004 के तहत पेट्रोल-डीजल पर वैट की अधिकतम सीमा 20% रखी गई थी. लेकिन सत्ता में आते ही 2015 में केजरीवाल सरकार ने कानून में संशोधन कर टैक्स की अधिकतम सीमा को 20% से बढ़ा कर 30% कर दिया था."


बीजेपी पर निशाना साधते हुए माकन ने कहा कि तब केंद्र की बीजेपी सरकार ने इस संशोधन को 2 हफ्ते के अंदर मंजूरी भी दे दी थी. माकन ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के बढ़ी कीमतों से बाकी चीजों के दाम भी बढ़ेंगे.


कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर वैट 30% करने की निंदा करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है. लेकिन कांग्रेस का कहना है लॉकडाउन से आम जनता की कमाई सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. ऐसे में लोग सरकार से कैश और टैक्स में कटौती जैसी राहत की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन उनपर बढ़े टैक्स का बोझ लाद दिया गया है. माकन ने कहा कि "दुनिया में कोई भी सरकार अपनी जनता पर इस तरह का कष्ट नहीं थोपेगी, सरकार तत्काल टैक्स में बढ़ोतरी वापस ले".


आपको बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मंगलवार से पेट्रोल पर 27 % से और डीजल पर 16.5% से बढ़ा कर 30% कर दिया है. माना जा रहा है कि लॉकडाउन के चलते हुए सरकारी खजाने को नुकसान के मद्देनजर ये बढ़ोतरी की गई है.


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