दिल्ली सरकार ने शुरू किया अभियान, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट-कलर कोड स्टिकर की होगी जांच
अगर आपके पास दिल्ली रजिस्ट्रेशन की गाड़ी है और उस पर अगर एचएसआरपी यानी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर नहीं है तो मुश्किल में पड़ सकते हैं. दिल्ली सरकार ने इसकी जांच के लिए आज से अभियान की शुरुआत की है. 1 अप्रैल, 2019 से पहले रजिस्टर्ड व्हिकल्स में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर होना अनिवार्य है.
![दिल्ली सरकार ने शुरू किया अभियान, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट-कलर कोड स्टिकर की होगी जांच Delhi government launch drive to check high security number plate-color code stickers दिल्ली सरकार ने शुरू किया अभियान, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट-कलर कोड स्टिकर की होगी जांच](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/20014610/Delhi-Traffic.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: दिल्ली में रजिस्टर हर गाड़ी पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर जरूरी है. इसी को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम ने आज से एक अभियान चलाया है जिसमें यह जांच की जाएगी कि गाडियों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और कलर कोड स्टिकर है या नहीं. इसके लिए चालान भी कट सकता है. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर 5500 हजार रुपये के चालान का प्रावधान है
विभाग के एक वरिष्ठ आधिकारी ने कहा कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और रंगीन स्टीकर की जांच के लिए 9 टीमों को तैनात किया गया है. यह अभियान शुरू में केवल फोर व्हिलर्स के लिए होगा.
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर आइए आपको बताते हैं....
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक खास तरह की नंबर प्लेट है. इस नंबर प्लेट पर गाड़ी का नंबर एंबोइज्ड यानी उभरा हुआ होता है. - वहीं नंबर प्लेट पर खास तरह की तकनीक से स्टांप कलर होता है जिसे मिटाया नहीं जा सकता है. - एक खास लेजर कोडेड नंबर होता है और होलोग्राम भी है. - लेजर कोड के जरिए उस गाड़ी की सरकारी जानकारी जुड़ी होती है, जैसे गाड़ी का इंजन और चेसिस नंबर, मालिक का नाम और पता और साथ ही गाड़ी की रजिस्ट्रेशन की जानकारी. - इस नंबर प्लेट को लगाने का खास तरीका है और लगने के बाद इसे निकालना मुश्किल है.
ये हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तीन कलर में है. अगर प्राइवेट कार है तो सफेद रंग पर काले रंग में नंबर होगा. वहीं कमर्शियल गाड़ी के लिए पीले रंग की प्लेट पर काले अक्षरों में नंबर होगा. इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड के लिए ये हरे रंग का होगा.
इसके बाद जरूरी है कलर कोड स्टिकर. गाड़ी के लिए कलर कोड स्टिकर इसलिए खास है कि इससे ये पता चलेगा की आपकी गाड़ी कौन से फ्यूल से चलती है यानी पेट्रोल, डीजल या फिर इलेक्ट्रिक कार है. इतना ही नहीं इससे ये भी पता चलेगा की गाड़ी की रजिस्ट्रेशन कब हुई है और ये बीएस मॉडल है. वहीं, गाड़ी पर लगे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर मौजूद लेजर कोड भी इस पर मौजूद होगा. तीन तरह के कलर कोड स्टिकर है नीला, नारंगी और स्लेटी.
किस रंग का क्या मतलब....
- नीला रंग मतलब पेट्रोल या सीएनजी. अगर नीले रंग के साथ हरे रंग की पट्टी है तो बीएस 6 है. हरे रंग की पट्टी नहीं है तो बीएस 4 या बीएस 3 है. - नारंगी का मतलब डीजल कार है. अगर नारंगी रंग के साथ हरे रंग की पट्टी है तो बीएस 6 है. हरे रंग की पट्टी नहीं है तो बीएस 4 या बीएस 3 है. - स्लेटी या ग्रे रंग मतलब इलेक्ट्रिक कार.
कोई निकालना चाहे भी तो नहीं आएगा बाहर इस खास हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगाने का भी खास तरीका है. इसे गाड़ी में इस तरह से फिट किया जाता है की कोई निकालना चाहे तो भी नहीं निकाल सकता है. वहीं कोशिश करने पर वो बोनट के नीचे जिस हिस्से में लगा होता वो उसके साथ ही बाहर आ जाएगा. दोबारा लगवाने के लिए गाड़ी में वो हिस्सा दोबारा लगवाना होगा.
प्रफुल्ल कुमार श्रीवास्तव के इनपुट के साथ कांग्रेस का केंद्र सरकार पर तंज, सुरजेवाला बोले- देश का पेट भरने वाला किसान अनशन पर, और कितने अच्छे दिन लाएंगे मोदी जी Gmail, Google Maps और Google Drive, Youtube हुए बंद और मीम्स की बाढ़ आ गईट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)