400 New Electric Buses: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LG वीके सक्सेना के साथ इंद्रप्रस्थ स्टेट बस डिपो से 400 नई लो फ्लोर AC इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यात्रियों के लिए ई-बसों में उपलब्ध सुविधाओं का भी जायजा लिया. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक-एक कर सभी सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता के जरिए दिल्ली की सड़कों पर उतारी गई 400 नई लो फ्लोर AC इलेक्ट्रिक बसों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के लोगों के लिए बहुत खुशी का दिन है. आज 400 ई-बसों को हरी झंडी दिखाई है. आज से दिल्ली की सड़कों पर 400 और ई-बसें उतरी हैं, जबकि पहले से ही 400 ई-बसों दिल्ली की सड़कों पर चल रही थीं. अब आधुनिक और वातानुकूलित 800 ई-बसें दिल्ली की सड़कों पर चलने लगी हैं. इसी के साथ दिल्ली देश का वो शहर बन गया है, जहां सबसे ज्यादा ई-बसें चल रही हैं.
दिल्ली सबसे ज्यादा ई-बसों वाला शहर-अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिसंबर 2023 तक दिल्ली सरकार की 1900 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर आ जाएंगी. 800 ई-बसों के साथ दिल्ली देश का सबसे ज्यादा ई-बसों वाला शहर हो गया है और 1900 ई-बसें आने के बाद ये दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो जाएगा, जहां ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं. 1900 इलेक्ट्रिक बसों के आने के बाद हम हर साल 1.07 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी. हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2025 तक दिल्ली की सड़कों पर कुल 10480 बसें होंगी. इसमें से 80 फीसद यानि 8280 इलेक्ट्रिक बसें होंगी. यह काफी महत्वाकांक्षी लक्ष्य है और यह किसी भी क्रांति से कम नहीं है. लगभग सवा दो साल बाद दिल्ली सरकार के पास करीब 8280 इलेक्ट्रिक बसें होंगी. यानि सवा दो साल बाद करीब दस गुना अधिक ई-बसें होंगी. ये बसें जीरो प्रदूषण करती हैं और एक बार चार्ज होने के बाद 225 किलोमीटर चलती हैं.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बसों की खासियत बताते हुए कहा कि ये इलेक्ट्रिक बसें सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं. सारी बसें वातानुकूलित हैं. दिव्यांग जनों के लिए रैम्प बना हुआ है. किसी दिव्यांग व्यक्ति को चढ़ाने के लिए जरूरत पड़ने पर पूरी बस झुक जाती है. बसों की स्टेपलेस बॉडी है, जिससे लोगों को सहूलियत होती है. हर बस में तीन-तीन सीसीटीवी कैमरे हैं. महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन है. कंट्रोल रूम के साथ हर बस का दोतरफा कम्युनिकेशन है. हर बस में लाइव ट्रैकिंग करने के लिए जीपीएस यूनिट है. डिस्क ब्रेक, फायर डिटेक्शन के साथ सप्रेशन सिस्टम है. उन्होंने कहा कि कुछ बसों की उम्र पूरी हो गई थी, उनको हटा दिया गया है. इसके बाद आज की तारीख में दिल्ली में 7135 बसें हैं, इसमें 800 ई-बसें हैं और 6335 सीएनजी बसें हैं.
वित्तीय स्थिति के आंकड़े
इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने इन बसों के वित्तीय स्थिति के आंकड़े भी रखे. सीएम ने बताया कि केंद्र सरकार की 921 बसों पर सब्सिडी मिल रही है. हर बस पर लगभग 45 लाख रुपए प्रति बस सब्सिडी मिलेगी. 921 बसों पर केंद्र से 417 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिल रही है. हर बस की लाइफ करीब 12 साल है. इस तरह इन 921 ई-बसों पर कुल खर्च 4091 करोड़ रुपए है. इसमें से 417 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिल रहा है. यानि केंद्र सरकार से 10 फीसद और बाकी 90 फीसद खर्च का वहन दिल्ली सरकार कर रही है. इस प्रकार दिल्ली सरकार का 8280 ई-बसों का जो कुल लक्ष्य है, उसमें से 1200 ई-बसें केंद्र सरकार की सब्सिडी से मिल रही हैं और बाकी ई-बसें दिल्ली सरकार अपने पैसे से खरीद रही है. हमारी केंद्र सरकार से अपील है कि जिस तरह 1200 बसों पर सब्सिडी दे रही है, वैसे ही बाकी बसों पर भी सब्सिडी दे तो और अच्छा रहेगा. हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार बाकी बसों पर भी सब्सिडी देगी.
केजरीवाल बोले इंफ्रास्ट्रक्चर करना पड़ेगा तैयार
CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केवल ई-बसें खरीदने से काम नहीं चलेगा. इसके लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना पड़ता है, क्योंकि अलग किस्म का बस डिपो बनाना पड़ता है, जहां ई-बसों को चार्ज किया जाता है. अभी तक दिल्ली सरकार ने 182.51 करोड़ रुपए खर्च करके 1500 ई-बसों को खड़ा करने के लिए डिपो का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया है. मंगलवार को सड़क पर उतारी गई 400 ई-बसें टाटा मोटर्स की हैं. ये बसें मायापुरी, नेहरू प्लेस, रोहिणी-1 व 2 और बंदा बहादुर मार्ग डिपो से संचालित की जाएंगी. इसके अलावा 3980 ई-बसों का भी कांट्रैक्ट दे दिया गया है. इन बसों पर जीरो सब्सिडी है. ये बसें भी जल्द ही आनी चालू हो जाएंगी. एक तरह से दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों में बदलाव के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए जा रहे हैं.
इलेक्ट्रिक बसों की प्रमुख खासियत—
- सभी बसें प्योर इलेक्ट्रिक हैंं, इनसे बिल्कुल भी प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है.
- एक बार चार्ज करने के बाद ये बसें 225 किलोमीटर तक चल सकती हैं.
- सभी बसें वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम से लैस हैं.
- दिव्यांग जनों के लिए फोल्डेबल रैंप है, जिससे उन्हें बस में चढ़ने में सहूलियत मिलती है.
- यात्रियों का बस में चढ़ना-उतरना काफी आसान है.
- सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे, हूटर के साथ पैनिक बटन और आपातकालीन स्थिति में लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग की सुविधा.
- कंट्रोल रूम के साथ दो-तरफा संचार की सुविधा.
- बस की लाइव ट्रैकिंग के लिए जीपीएस यूनिट है.
- रियर इंजन के साथ पूरी तरह से स्वचालित ट्रांसमिशन.
- डिस्क ब्रेक.
- आग का पता लगाने और सप्रेशन सिस्टम की व्यवस्था.