दिल्ली सरकार की आज कैबिनेट की बैठक बुलाई गई जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए. दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी डोर स्टेप डिलीवरी सर्विस में कई महत्वपूर्ण बदलाव करने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास किया गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि आज की बैठक में डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेज को लेकर निर्णय लिया है.


दिल्ली में लगभग 150 सर्विस ऐसी है जो 1076 फोन नंबर पर कॉल करने पर आपके घर पर आकर सरकार आपका काम करके देकर जाती है. यह पूरे देश में अपने तरह की अकेली सर्विस है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कंपनी अब तक डोर स्टेप डिलीवरी सर्विस दे रही थी उसका कॉन्ट्रैक्ट इस महीने पूरा हो रहा है. इस सर्विस को एक नए तरीके से और ज्यादा अच्छा बना कर, सुदृढ़ बना कर दोबारा इस टेंडर को फ्लोट किया जाएगा. इसके बारे में आज कैबिनेट ने निर्णय लिया है.


सर्विस में कई सारे बदलाव किए गए है- मुख्यमंत्री


मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि, सर्विस में कई सारे बदलाव किये गए हैं जैसे 1076 नम्बर को टोल फ्री किया जाएगा. पहले पूरी दिल्ली को एक ही कंपनी मैनेज करती थी अब इस को दो हिस्सों में बांटा जा रहा है ताकि इनके बीच में एक तरह से प्रतिस्पर्धा भी रहे. अगर एक कंपनी का काम ठीक नहीं होता तो दूसरी कंपनी को शामिल किया जा सकता है, इस तरह के कई सारे बदलाव किए हैं.


अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हेल्थ इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम के तहत दिल्ली के सारे अस्पतालों को एक साथ जोड़ा जा रहा है और एक प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है. एक पोर्टल बनाया जा रहा है जिसके जरिए हमें पता रहेगा किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं, कितनी दवाई है, स्टाफ पोजीशन क्या है एक बटन क्लिक करने पर ये सब पता चल जाएगा. अस्पतालों में लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी फोन पर ही डॉक्टर से अपॉइंटमेंट फिक्स कर सकते हैं और तय समय पर अस्पताल जा सकते हैं. यह पूरा का पूरा सिस्टम बनाने का कॉन्ट्रैक्ट आज NEC कम्पनी को दे दिया गया है. 130 करोड़ का ये पूरा प्रोजेक्ट है यह पैसा भी सैंक्शन कर दिया गया है.


7 हज़ार नए बेड सरकारी अस्पताल में तैयार किए जा रहे है- मुख्यमंत्री


दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाने के निर्णय पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 7 हज़ार नए बेड सरकारी अस्पताल में तैयार किए जा रहे है. यह बहुत बड़ा इजाफा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए है. आज दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10,000 बेड हैं. अब 6800 बेड और बढ़ाए जा रहे हैं. एक तरह से ये 70% इजाफा है जो कि कोई छोटी बात नहीं है. नये बेड 6 महीने के अंदर बनकर तैयार हो जाएंगे. अगर कोरोना की लहर आती है तो उस में मदद मिलेगी लेकिन अगर लहर नहीं भी आती है तो नए बेड दिल्ली के लोगों के लिए स्थाई तौर पर तैयार हो जाएंगे.


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