देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का कहर बढता जा रहा है. बुधवार को दिल्ली में एक दिन में रिकॉर्ड 1500 से ज्यादा मामले सामने आए. महामारी के बढ़ते असर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. इस कमेटी का काम दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने और महामारी से लड़ने और अस्पतालों में तैयारियों पर नजर रखने का होगा.


स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को 1513 नये मामले सामने आए हैं जो अभी तक एक दिन में सर्वाधिक मामले हैं. इसी के साथ संक्रमित लोगों की संख्या 23,645 हो गई है जबकि मृतकों की संख्या 606 हो गई है.


अधिकारियों ने बताया कि महानगर के अस्पतालों में केवल कोविड-19 रोगियों के लिए 8386 बिस्तर हैं जिनमें से 3446 बिस्तर भरे हुए हैं. कोविड-19 रोगियों के लिए 408 वेंटिलेटर हैं जिनमें से 255 का रोगियों के लिए उपयोग हो रहा है.


नई कमेटी दिल्ली सरकार को कोविड-19 से लड़ने के लिए स्वास्थ्य ढांचा और अस्पतालों की तैयारियां बढ़ाने में मार्गदर्शन करेगी. सरकारी आदेश के मुताबिक समिति के सदस्यों में आईपी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महेश वर्मा, जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुनील कुमार, दिल्ली चिकित्सा परिषद् के अध्यक्ष डॉ. अरूण गुप्ता, दिल्ली चिकित्सा संगठन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर. के. गुप्ता और मैक्स अस्पताल के समूह चिकित्सा निदेशक डॉ. संदीप बुद्धिराजा शामिल हैं.


समिति सरकार को दिल्ली में महामारी से बेहतर तरीके से निपटने में किसी अन्य क्षेत्र में भी ढांचागत मजबूती की जरूरत पर सलाह देगी. पिछले सात दिनों से मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और कुल निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 158 हो गई है.


महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद सर्वाधिक संक्रमितों की संख्या दिल्ली में है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरी तरह लॉकडाउन से दिल्ली सरकार को स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में सहयोग मिला जिससे कोविड-19 से प्रभावी तरीके से निपटने में सहूलियत हुई.


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