नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और काफी संख्या में इसकी चपेट में स्वास्थ्यकर्मी भी आ रहे हैं. राजधानी दिल्ली में अब तक 400 से ज़्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है. इनमें से काफी सारे स्वास्थ्यकर्मी ऐसे अस्पतालों से हैं जहां कोविड का इलाज नहीं किया जाता. ऐसे में केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के आधार पर दिल्ली सरकार ने गैर-कोविड अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं.


दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी हेल्थकेयर फेसिलिटी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के आधार पर PPE (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट के तर्कसंगत इस्तेमाल को लेकर आदेश जारी किया है. ये गाइडलाइंस गैर-कोविड अस्पताल या वो अस्पताल जिनमें कोविड ब्लॉक हैं लेकिन गैर-कोविड एरिया में काम करने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए जारी की गई हैं.


गाइडलाइंस में अस्पताल के अलग-अलग विभागों जैसे आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट, इन-पेशेंट डिपार्टमेंट, इमरजेंसी डिपार्टमेंट, अन्य सहायक विभाग और एम्बुलेंस सर्विस के अंर्तगत आने वाले वार्डस और सुविधाओं को लो रिस्क, माइल्ड रिस्क, मॉडरेट रिस्क और हाई रिस्क की श्रेणी में बांटा गया है.


अस्पतालों के हेल्पडेस्क/ रजिस्ट्रेशन काउंटर, डॉक्टरों के कमरे, शव पैकिंग वार्ड, सैनिटेशन, अन्य सपोर्टिव सर्विस जैसे किचन, दवा बांटना, इंजीनियरिंग आदि को लो रिस्क और माइल्ड रिस्क वाले स्थान की श्रेणी में रखा गया है. इस श्रेणी में काम करने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स को थ्री लेयर मास्क, लेटेक्स एग्जामिनेशन ग्लव्स पहनने होंगे और सोशल डिस्टेंसिंग बना कर रखनी होगी.


आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट की श्रेणी में आने वाले डेंटिस्ट, ईएनटी डॉक्टर, आंख के डॉक्टर, और एनेस्थेटिस्ट को मध्यम यानि मॉडरेट रिस्क की श्रेणी में रखा गया है और इन्हें N95 मास्क, चश्मा, लेटेक्स ग्लव्स और फेस शील्ड पहनने का निर्देश दिया गया है. इन-पेशेंट डिपार्टमेंट में आने वाले लेबर रूम, ऑपेरशन थियेटर, क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट को भी मध्यम यानि मॉडरेट रिस्क की श्रेणी में रखा गया है और इन्हें N95 मास्क, चश्मा, लेटेक्स/ नाइट्राइल एग्जामिनेशन ग्लव्स और फेस शील्ड पहनने का निर्देश दिया गया है.


इमरजेंसी में आने वाले गम्भीर रूप से बीमार मरीज़ों को अटेंड करने वाले हेल्थकेयर वर्कर और श्वास से संबंधित गम्भीर बेमारियों के मरीज़ों को हैंडल करने वाले एम्बुलेंस सर्विस और प्रबंधन में लगे अन्य स्टाफ को हाई रिस्क की श्रेणी में रखा गया है. इन लोगों को पूरी PPE किट (N-95 मास्क, कवरऑल, लेटेक्स एग्जामिनेशन ग्लव्स, चश्मा और शू कवर) पहनना होगा.


साथ ही सभी अस्पतालों को ये भी निर्देश दिया गया है कि इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण वाले मरीज़ों को हैंडल करने के लिए अलग से एक होल्डिंग एरिया बनाया जाए ताकि कोविड सस्पेक्ट को मुख्य एरिया से अलग रखा जा सके. इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए पहले से जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों का भी पालन करना अनिवार्य है.