(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
निर्भया गैंगरेप केस: केजरीवाल सरकार ने एक दोषी की दया याचिका खारिज करने की अनुशंसा की
दिल्ली सरकार ने 2012 के निर्भया हत्या मामले में एक दोषी की दया याचिका खारिज करने की अनुशंसा की है. सूत्रों ने इस मामले में जानकारी दी है.
नई दिल्ली: निर्भया गैंग रेप के आरोपी विनय शर्मा की दया याचिका दिल्ली सरकार के होम डिपार्टमेंट ने ठुकरा दी है. विनय शर्मा सहित बाकी सभी आरोपियो को सुप्रीम कोर्ट भी पहले ही फांसी की सजा पर मुहर लगा चुका है. तिहाड़ जेल में बंद सभी दोषियों में से विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई थी. जिसकी कॉपी दिल्ली सरकार को भी भेजी गयी थी.
दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने दया याचिका खारिज करने की सिफ़ारिश की. दया याचिका खारिज करते हुए दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने लिखा ''यह बेहद जघन्य अपराध है जिसमें याचिकाकर्ता ने बहुत दरिन्दगी की. यह वह केस है जिसमें एक बेहद सख्त सजा देनी जरूरी है जिससे दूसरे लोग ऐसा अपराध करने से डरें. याचिका में मेरिट नहीं हैं. खारिज करने की सिफ़ारिश करता हूं.''
तिहाड़ जेल में बंद बाकी आरोपियो ने अभी तक राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर नहीं की है. इस मामले में बाकी तीनों दोषियों अक्षय, पवन और मुकेश ने अभी तक राष्ट्रपति के सामने दया याचिका नहीं लगाई है. वहीं एक आरोपी राम सिंह ने तिहड़ जेल में ही खुदकुशी कर ली थी जबकि छठा नाबालिक दोषी सजा पूरी करके बाहर आ चुका है. इस मामले में सालों से लड़ाई लड़ रहे निर्भया के माता पिता ने पटियाला कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपियों को जल्द फांसी पर लटकाने की मांग की है.
इस मामले ने देश को हिलाकर रख दिया थागौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा के साथ एक नाबालिग सहित छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म और लोहे के रॉड से क्रूरतम आघात किया गया था. इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उसके पुरुष साथी को चलती बस से महिपालपुर में बस से नीचे फेंक दिया गया था.
पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, उसके बाद तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने बेहतर इलाज के लिए उसे विशेष विमान से सिंगापुर भेजा था, जहां वारदात के 13वें दिन उसने दम तोड़ दिया था. इस वीभत्स दुष्कर्म कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. छह आरोपियों में से एक नाबालिग था, जिसे रिमांड होम भेजा गया था. वहीं, एक अन्य आरोपी ने तिहाड़ जेल में खुद को फांसी लगा ली थी.
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