कोरोना मरीज़ों के प्रबंधन को लेकर दिल्ली सरकार ने जारी की SOPs, जानें इसके बारे में
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs) जारी किए हैं. होम आइसोलेशन वाले मरीज़ों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी डिस्चार्ज पालिसी के आधार पर ट्रीटमेंट से डिसचार्ज किया जायेगा, जिसके तहत होम आइसोलेशन से 10 दिन में डिस्चार्ज अनिवार्य है.
नई दिल्लीः दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीज़ों (खासकर होम आइसोलेशन) के प्रबंधन को लेकर दिल्ली सरकार ने नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs) जारी किए हैं. दिल्ली में अभी रैपिड एंटीजन टेस्ट और RT-PCR टेस्ट के ज़रिए कोरोना की टेस्टिंग की जा रही है. दोनों तरीकों से कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीज़ों के लिये अलग-अलग SOP सरकार ने जारी किये हैं.
रैपिड एंटीजन टेस्ट में अगर कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो
रैपिड टेस्ट में रिपोर्ट आधे घन्टे के अंदर आ जाती है इसलिए मरीज़ रिपोर्ट के लिए इंतज़ार करता है. सभी पॉजिटिव केस को टेस्टिंग साइट पर ड्यूटी पर मौजूद मेडिकल ऑफिसर examine करेगा ताकि बीमारी की गंभीरता (pre-symptomatic, asymptomatic, mild, moderate या severe) का मूल्यांकन किया जा सके. साइट पर मौजूद मेडिकल ऑफिसर का मूल्यांकन उतना ही प्रभावी माना जायेगा जितना की कोविड केयर सेंटर में.
गाइडलाइंस के मुताबिक pre-symptomatic और asymptomatic मरीज़, अगर उन्हें कोई पुरानी गम्भीर बीमारी नहीं है और घर मे 2 कमरे और मरीज़ के लिये अलग टॉयलेट उपलब्ध है तो वो होम आइसोलेशन में रह सकते हैं. टेस्टिंग सेंटर पर ही मेडिकल ऑफिसर मरीज़ को एक पल्स ऑक्सिमीटर देगा और उसका इस्तेमाल करना बतायेगा. होम आइसोलेशन से जुड़े अन्य प्रोटोकॉल भी मरीज़ को बताये जाएंगे.
डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर (DSO) को होम आइसोलेशन की योग्यता रखने वाले मरीज़ के बारे में सूचित किया जायेगा, जो मौजूदा प्रोटोकॉल के तहत होम आइसोलेशन टीम को घर पर विजिट करने भेजेगा.
- माइल्ड और pre-symptomatic केस जिनके पास अलग कमरे और टॉयलेट की सुविधा नहीं है उन्हें कोविड केयर सेंटर भेजा जायेगा - मध्यम और गम्भीर बीमारी वाले केस को हॉस्पिटल भेजा जायेगा - माइल्ड सिम्पटम और को-मॉर्बिड स्तिथी वाले केसेज़ को कोविड केयर सेंटर या हॉस्पिटल भेजा जायेगा
- कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिये एक डेडिकेटेड टीम कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिये दी जायेगी जो कोविड पॉजिटिव केसेज़ के सम्पर्क में आये लोगों की डीटेल तैयार करेगी.
RT-PCR टेस्ट में अगर कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो
मौजूद प्रक्रिया में सभी जिलों को ICMR पोर्टल के जरिये positive केसेज़ की जानकारी मिलती है. डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर की टीम मरीज़ों की बीमारी की श्रेणी का मूल्यांकन करने के लिए टेलीफोन से सम्पर्क करेगी. जिन मरीज़ों को हॉस्पिटल या कोविड केयर सेंटर शिफ्ट करने की ज़रूरत है उन्हें एम्बुलेंस के जरिये भेजा जायेगा.
माइल्ड और pre-symptomatic मरीज़ों को होम आइसोलेशन की योग्यता जांचने के लिए कोविड केयर सेंटर शिफ्ट किया जायेगा. DSO की होम आइसोलेशन टीम द्वारा किये गए मूल्यांकन में अगर मरीज़ के पास दो कमरे और अलग टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध है तो उसे होम आइसोलेशन के लिये घर वापस भेजा जायेगा.
मरीज़ को किसी भी तरह की कंसल्टेशन के लिये एक contact नम्बर और CATS एम्बुलेंस की डीटेल दी जाएंगी ताकि लक्षण दिखने पर उसे हॉस्पिटल भेजा जा सके. अगर मरीज़ का घर होम आइसोलेशन के लिए फिट नहीं पाया जाता है तो उसे कोविड केयर सेंटर में भेजा जायेगा.
फॉलो-अप के तौर पर आउट सोर्स की गई कंपनी/ हेल्थ सेंटर से लिंक टीम/ मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को अगले 9 दिनों तक फोन करेंगे.
होम आइसोलेशन वाले मरीज़ों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी डिस्चार्ज पालिसी के आधार पर ट्रीटमेंट से डिसचार्ज किया जायेगा, जिसके तहत होम आइसोलेशन से 10 दिन में डिस्चार्ज अनिवार्य है.
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