Delhi Pollution: दिल्ली सचिवालय में आज पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में विंटर एक्शन प्लान को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई. गोपाल राय ने बैठक के बाद विंटर एक्शन प्लान से संबंधित कुछ प्रमुख जानकारियां साझा करते हुए बताया कि विंटर एक्शन प्लान के तहत निर्धारित किए गए 15 फोकस बिंदुओं के आधार पर विशेष कदम भी उठाए गए. इसके परिणाम स्वरूप दिल्ली के अंदर प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. सरकार और विभिन्न विभागों की प्रमुखता के साथ काम करने का असर देखने को मिला है.


दिल्ली के प्रदूषण में 77 फीसदी की कमी 


पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आगे बताया कि इस एक्शन प्लान का दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण में एक अहम भूमिका रही है. दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है. गोपाल राय ने कहा कि संसद के पटल पर रखे गए आर्थिक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है. अब अच्छे, संतोषजनक और मध्यम श्रेणी के दिनों की संख्या 2016 के मुकाबले 109 से बढ़कर 2022 में 160 हो गई है. इसके साथ ही सबसे गंभीर श्रेणी की संख्या में भी 2016 से 2022 के बीच गिरावट दर्ज की गई है.  2016 में जहां 26 दिन थे अब वह 2022 में घटकर केवल 6 दिन रह गए हैं, इस प्रकार इसमें 77 प्रतिशत की कमी आई है.


गोपाल राय ने बताया कि विंटर एक्शन प्लान में मौजूद सभी 15 फोकस बिंदुओं पर विभाग द्वारा कार्य किया गया है। ये 15 बिंदु इस प्रकार हैं—


1. पराली


दिल्ली सरकार धान के खेतों में पूसा बायो-डीकंपोजर का मुफ्त में छिड़काव करती है. इस बार 4329 एकड़ पर बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया गया. पराली जलाने को रोकने तथा निरीक्षण के लिए 15 टीमों का गठन किया गया. साथ ही दिल्ली के किसानों को संवेदनशील/जागरूक बनाने के लिए 28 प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए.


2. धूल प्रदूषण


1. धूल प्रदूषण को कम करने के लिए करीबन सीएंडडी साइटों का टीमों द्वारा अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक निरीक्षण की संख्या - 32290 
2.  सी एंड डी साइटों और अन्य संस्था /लोगों पर धूल प्रदूषण को लेकर 4 करोड़ रुपये के जुर्माने लगाए गए.
3. धूल प्रदूषण को कम करने के लिए 80 मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीन कार्यरत हैं.
4. सड़कों पर धूल कम करने के लिए 401 वाटर स्प्रिंकलर/टैंकर लगाए गए.
5. 193 स्टैटिक एंटी-स्मॉग गन्स को सड़कों और खुले क्षेत्रों में तैनात किया गया ताकि सड़क की धूल को फिर से फैलने से रोका जा सके.
6. 169 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन सड़कों और खुले क्षेत्रों में तैनात किए गए ताकि सड़क पर तथा खुले क्षेत्र में धूल को कम किया जा सके. ऊंची इमारतों के ऊपर भी एंटी-स्मॉग गन लगाई गई.


3 वाहनों से होने वाले प्रदूषण


1.  380 टीमों को पीयूसी अनुपालन की जांच करने और 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध के अनुपालन के लिए तैनात किया गया है. 21 लाख पीयूसी जारी किए गए हैं.
2.  ई-वाहन नीति का प्रचार किया गया जिसके तहत करीबन 86,157 ईवी पंजीकृत हुए.
3. जनवरी-दिसंबर, 2022 की अवधि में कुल नए वाहनों के पंजीकरण का 10% भाग इलेक्ट्रिक वाहनों का रहा.
4.  2384 ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाए गए जिनमें 3470 चार्जिंग पॉइंट और 234 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन हैं.


4. ओपन कूड़ा बर्निंग


1. टीमों द्वारा कूड़ा जलाने वाले 22162  स्थलों का निरिक्षण किया गया.
2.  इस संबंध में उलंघन करने वालो पर 9.85 लाख रुपए की जुर्माना राशि लगाई गई.
3. डीपीसीसी ने वायु प्रदूषण पर जागरूकता पैदा करने के लिए एफएम रेडियो चैनल पर ऑडियो जिंगल्स के माध्यम से अभियान चलाया.
4.  आरडब्ल्यूए से अपील की गयी कि सुरक्षा गार्डों को बिजली के हीटर वितरित करें  ताकि खुले में बायोमास और ठोस अपशिष्ट को जलाने को हतोत्साहित किया जा सके.


5. औद्योगिक प्रदूषण


सभी पंजीकृत उद्योगों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) में परिवर्तित किया गया. डीपीसीसी की टीम द्वारा लगातार निगरानी की गई ताकि कोई भी औद्योगिक इकाइयां प्रदूषण न फैलाएं.


6. ग्रीन वार रूम एवं ग्रीन ऐप


ग्रीन दिल्ली ऐप को प्रदूषण संबंधी शिकायतों के लिए लॉन्च किया गया है. इससे 27 सरकारी विभागों / एजेंसियों जुड़ी हुई हैं. ग्रीन दिल्ली एप पर अपलोड की गई शिकायतों की निगरानी ग्रीन वॉर रूम के जरिए की जाती है. इस ऐप के माध्यम से 60,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं और 90% शिकायतों का  समाधान किया गया है.


7. हॉट स्पॉट पर निगरानी


विंटर एक्शन प्लान के तहत 13 हॉटस्पॉट की पहचान की गई है. जिसके तहत वहां पर कड़ी नजर रखी गयी और प्रदूषण कम करने के लिए तरह-तरह के उपाय भी किए गए है. जैसे: प्लास्टिक कचरे को हटाना, कचरा प्रबंधन , सड़क के पैच और गड्ढों की मरम्मत, भीड़भाड़ वाले ट्रैफ़िक बिंदुओं पर टीम लगाना, सड़कों पर झाडू लगाना और पानी का छिड़काव करना, प्रदूषणकारी और अनाधिकृत उद्योगों को बंद करना और बायोमास जलाने आदि के संबंध में उल्लंघनों की जांच के लिए रात्रि में गश्त करना.


8. रियल टाइम स्टडी


रियल टाइम स्टडी के तहत प्रदूषण के स्रोतों की पहचान के लिए सुपर-साइट और मोबाइल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन की शुरुआत की गई. यह परियोजना दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की तरफ से आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली और टेरी के सहयोग से शुरू किया गया, जिससे की रियल टाइम प्रदूषण से संबंधित कारणों का पता चल सके. मोबाइल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि सभी हॉटस्पाट पर प्रदूषण के स्रोतों की जानकारी प्राप्त की जा सके. 


9. स्मॉग टावर


दिल्ली सरकार ने पिछले साल कनॉट प्लेस में स्मॉग टॉवर लगाया था. अक्टूबर-नवंबर, 2022 की अवधि में आईआईटी बॉम्बे की तीसरी अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर, 75% पंखे की क्षमता के साथ 500 मीटर की दूरी पर पीएम 10 और पीएम 2.5 के स्तर में अधिकतम प्रतिशत कमी क्रमशः 50% और 44% थी. जून 2023 में वह अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.


10. ई-वेस्ट ईको पार्क


भारत का पहला ई वेस्ट ईको पार्क दिल्ली के होलम्बी कलां में जीरो वेस्ट पॉलिसी पर बनाया जा रहा है. इसके लिए डीएसआईआईडीसी ने 4 फ़रवरी को आरएफपी जारी कर दिया है.


11. हरित क्षेत्र को बढ़ाना/ वृक्षारोपण 


दिल्ली सरकार ने इस साल लगभग 43 लाख पौधे लगाने एवं वितरण का लक्ष्य रखा था. लक्ष्य से ज्यादा लगभग 46 लाख पौधे लगाए एवं वितरित किए जा चुके हैं. दिल्ली में जहां साल 2013 में हरित क्षेत्र 20 फीसद था वहीं सरकार के प्रयासों के कारण, साल 2021 में बढ़कर 23.06 फीसदी हो गया है. साथ ही शहरों के प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर के मामले में दिल्ली पूरे देश में नंबर वन हो गया है.


12. अर्बन फार्मिग पर काम चल रहा है


13. इको क्लब एक्टीविटी/ जन भागीदारी


स्कूल/कॉलेज के ईको क्लबों ने सर्दी के मौसम में एंटी-फायर क्रैकर अभियान, वायु प्रदूषण पर जागरूकता, ध्वनि प्रदूषण पर जागरूकता और ई-वेस्ट प्रबंधन पर ईको-क्लब गतिविधियों का आयोजन किया.


14. पटाखे पर पूर्ण प्रतिबंध


14 सितम्बर 2022  से 1 जनवरी 2023 तक  दिल्ली के क्षेत्र में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से वितरण सहित)  एवं  जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया.


1. इसके लिए 210 टीमों का गठन किया गया था।  


2. साथ ही 17445.432 किलोग्राम फायर क्रैकर जब्त किए गए.


15. केन्द्र सरकार एवं पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद 


दिल्ली में देखा गया है की प्रदूषण को बढ़ाने में आसपास के राज्य के कारक भी प्रमुख भूमिका निभाते है. ‌इसी कारण संवाद के लिए केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी लिखी गई, ताकि सार्थक कार्य योजना बन सके. भारत सरकार द्वारा 30.09.2022, 11.10.2022  और 23.01.2023  को बुलाई गई बैठकों में पड़ोसी राज्यों के साथ इससे सम्बंधित मुद्दे को उठाया गया.


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