नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दिल्ली में गली-मोहल्लों तक योग को पहुंचाने के विज़न के साथ ध्यान और योग विज्ञान केंद्र की शुरूआत की गई है. इन केंद्र पर योग सिखाने वाले इंस्ट्रक्टर को ट्रेनिंग दी जा रही है जो बाद में सार्वजनिक जगहों, पार्कों, आरडब्लूए में लोगों के बीच जाकर उन्हें योग की ट्रेनिंग देंगे.


रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका उद्घाटन किया था. दिल्ली सरकार ने घर-घर तक योग को पहुंचाने के लिए इस साल के बजट में 25 करोड़ की राशि का प्रावधान रखा था. उसी के तहत अब एक साथ 21 सेंटर खोले जा रहे हैं जिसमें अभी तक 450 छात्र छात्राएं खुद को रजिस्टर्ड करवा भी चुके है.


इस योजना के तहत दिल्ली वाले चाहे तो 25-30 लोगों का एक समूह अपने यहां योग प्रशिक्षक के लिए सरकार से मांग कर सकता है और उन्हें बिना किसी शुल्क के प्रशिक्षक उपलब्ध कराया जायेगा. दिल्ली फार्मक्यूटिकल साइंस और रिसर्च यूनिवर्सिटी में एक साल का डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है. कोई साल चाहे तो वो 3 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकता है जिसके बाद वो सर्टिफाइड योगा इंस्ट्रक्टर की भूमिका निभा सकता है.


21 सेंटर आज से शुरू हो गए हैं- सीनियर कंसल्टेंट


प्रोग्राम के सीनियर कंसल्टेंट अमरेश झां का कहना है कि अभी हम लोग 450 से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं, 21 सेंटर आज से शुरू हो गए हैं. यह 1 साल का डिप्लोमा कोर्स है जिसे कई सेमेस्टर में बांटा गया है. पहला सेमेस्टर 3 महीने का है. 3 महीने का कोर्स पूरा करने के बाद जो लोग कोर्स छोड़ना चाहते हैं उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाता है. जिनके पास सर्टिफिकेट है वह समाज में आगे लोगों को योगा सिखाने के लिए तैयार हैं. सितंबर के महीने के बाद से इनमें से ज्यादातर लोग योग सिखाने के लिए तैयार होंगे.


प्रोग्राम कंसल्टेंट कमलेश मिश्रा ने कहा कि इस कोर्स के लिए कोई भी आवेदन कर सकता है. यह सीखे हुए लोग नहीं हैं, इन सभी को प्रशिक्षित किया जा रहा है. हमने ऐसा कोर्स डिजाइन किया है जिसके तहत यह लोग समाज में जाकर दूसरे लोगों को ट्रेनिंग दे सकेंगे. आवेदन के लिए उम्र की कोई एक लिमिट नहीं है. आवेदन के लिए क्वालिफिकेशन न्यूनतम 12वीं तक की रखी गई है.


कम 25 से 30 लोगों का ग्रुप हो


3 महीने के बाद यह सभी लोग फील्ड में सोसाइटी में पार्क में लोगों को योग सिखाने के लिए पात्र हो जाएंगे. एक कॉमन नंबर की व्यवस्था की जाएगी जिससे लोग हमसे संपर्क कर सकते हैं. वहां बिना किसी फीस के इंस्ट्रक्टर को भेजा जाएगा. एक शर्त यह होगी कि कम से कम 25 से 30 लोगों का ग्रुप हो.


प्रशिक्षण लेने आई गृहणी रजनी का कहना है कि घर में व्यायाम करने का ज्यादा समय नहीं मिलता, अगर हम यहां से सीख कर जाएंगे तो अपने बच्चों को अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी शिक्षित कर सकेंगे और पूरे समाज को स्वस्थ बनने में मदद कर सकेंगे. योग से शरीर में बहुत फायदे होते हैं अगर मुझे लोगों के बीच जाकर सिखाने का मौका मिला तो मैं जरूर जाकर सिखाना चाहूंगी.


निशा दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं, उनका कहना है कि आजकल की व्यस्त जिंदगी में किसी को भी समय नहीं मिलता या विचार नहीं आता कि वह अपने ऊपर ध्यान दें. इसलिए ये बहुत अच्छा विकल्प है कि हम खुद भी योग सीख सकते हैं और दूसरों को भी सिखा सकते हैं. 2 अक्टूबर से हम दूसरों को सिखाने के लिए योग्य हो जाएंगे उसके लिए बहुत उत्साहित हूं. 


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