दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी बनाई है, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर ग्राहक को सब्सिडी दी जाती है. इसी के तहत दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग ने 100 से ज़्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों के मॉडल को मंजूरी दी थी जो EV पॉलिसी के अंतर्गत सब्सिडी के पात्र होंगे. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग को टाटा मोटर्स लिमिटेड की टाटा नेक्सन के इलेक्ट्रिक व्हीकल मॉडल के सब स्टैंडर्ड परफॉर्मेंस से जुड़ी कई शिकायतें मिली थीं. जिसके चलते परिवहन विभाग ने फिलहाल इस मॉडल पर दी जाने वाली सब्सिडी को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है.
जांच के लिए दिल्ली सरकार ने बनाई कमेटी
शिक़ायतकर्ताओं से मिली शिकायतों और टाटा मोटर्स लिमिटेड की ओर से अपनी सफाई में किये गये दावों की जांच के लिये के लिये सरकार ने एक कमेटी बनाई गई है. कमेटी में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट, DIMTS, टाटा मोटर्स लिमिटेड और किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्थान के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है. कमेटी की फाइनल रिपोर्ट अभी पेंडिंग है. परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जांच कमेटी की फाइनल रिपोर्ट आने तक टाटा नेक्सन के इलेक्ट्रिक व्हीकल को EV पॉलिसी के तहत दी जाने वाली सब्सिडी की योग्यता से बाहर रखा गया है.
पिछले साल दिल्ली सरकार ने बनाई पॉलिसी
दिल्ली में अगस्त 2020 में दिल्ली सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी का एलान किया गया था. नई नीति के तहत ये लक्ष्य रखा गया है कि दिल्ली में 2024 तक जितने भी वाहन खरीदें जाएं उनमें से 25% वाहन इलेक्ट्रिक वाहन हों. दिल्ली वाले बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदें इसके लिए सरकार ने सब्सिडी प्लान भी बनाया है. 2 व्हीलर या 3 व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर 30 हजार रूपए तक की सब्सिडी मिल सकती है. वहीं, 4 व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर लगभग 1.5 लाख रुपए तक कि सब्सिडी मिल सकती है. ये सब्सिडी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के 3 दिन के अंदर सीधे लाभार्थी के बैंक एकाउंट में भेज दी जाती है.
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