दिल्ली सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग जल्द ही कोरोना वायरस महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की पहचान करने के लिए एक सर्वे करेगा. विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी. विभाग के अनुसार, इस सर्वे के लिए 20 अधिकारी नियुक्त किए हैं जो शहर में अलग-अलग बाल देखभाल गृहों, संस्थानों और जिले के ऑफिसों में सर्वे करेंगे. अधिकारियों को जिला कल्याण समितियों और जिला बाल संरक्षण इकाइयों की मदद से 20 जुलाई तक सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं. 


डीसीपीसीआर के सर्वे में हुआ ये बड़ा खुलासा 


दिल्ली के बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) के एक सर्वे के अनुसार, पिछले साल मार्च में महामारी शुरू होने के बाद से शहर में 2 हजार से अधिक बच्चों ने कोरोना वायरस के कारण अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को खो दिया, जबकि उनमें से 67 ने अपने माता और पिता दोनों को खो दिया. सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि इस संक्रमण की वजह से 651 बच्चों ने अपनी मां को खो दिया, जबकि 1,311 बच्चों ने अपने पिता को खो दिया.


महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों का खर्च उठाएगी दिल्ली सरकार 


इससे पहले डीसीपीसीआर (DCPCR) ने कहा था कि इन बच्चों की जानकारियां महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ शेयर की गई है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 मई को कहा था कि उनकी सरकार महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण का खर्च उठाएगी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने ऐसे बच्चों के लिए कई कल्याणकारी उपायों की घोषणा की थी, जिसमें ऐसे बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा का प्रावधान शामिल था.


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