दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन और उद्योग विभाग की ओर से दिल्ली सचिवालय में 26 अप्रैल को दिल्ली के क्लाउड किचन नीति को लेकर विभिन्न क्लाउड किचन ऑपरेटरों के साथ चर्चा आयोजित की जाएगी. क्लाउड किचन को बढ़ावा देने का प्रस्ताव दिल्ली सरकार के रोजगार बजट 2022-23 का हिस्सा था. जिसमें दिल्ली में 5 सालों में 20 लाख नौकरियां पैदा करने की योजना थी.


डीडीसी उपाध्यक्ष जेस्मिन शाह की अध्यक्षता में नीति परामर्श के लिए सभी प्रमुख क्लाउड किचन ऑपरेटरों और खाद्य वितरण एग्रीगेटर्स को इस चर्चा में आमंत्रित किया गया है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि आगामी नीति में सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए सकारात्मक परिणाम देने की क्षमता हो.


दिल्ली सरकार ने क्लाउड किचन योजना का किया था ऐलान


इस चर्चा का उद्देश्य दिल्ली के क्लाउड किचन ऑपरेटरों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों को समझना और पूरे दिल्ली में क्लाउड किचन क्लस्टर स्थापित करने की खोज करना होगा. दरअसल दिल्ली के 2022-23 के बजट सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजधानी में खाद्य और पेय पदार्थ (F&B) उद्योग के लिए क्लाउड किचन नीति तैयार करने की दिल्ली सरकार की योजना का ऐलान किया था.


जिसके बाद दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन क्लाउड किचन के लिए भूमि और अन्य प्रोत्साहनों के प्रावधान पर विचार कर रहा है. ऐसी इकाइयों के लिए लाइसेंस नियमों में ढील और दिल्ली में विभिन्न लैंड पार्सल में प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ क्लाउड किचन क्लस्टर स्थापित करने पर विचार कर रही है.


प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार को पैदा करने की है क्षमता


डीडीसी दिल्ली के उपाध्यक्ष जेस्मिन शाह ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी राज्य सरकार ने क्लाउड किचन को खाद्य उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान कर्ता के रूप में मान्यता दी है. क्लाउड किचन में निवेश आकर्षित करने, Food and beverages क्षेत्र के बाजार के आकार को बढ़ाने और बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने की बहुत बड़ी क्षमता है.


जेस्मिन शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में क्लाउड किचन की संख्या हर साल 20 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ रही है. वर्तमान में शहर में 20 हजार से अधिक क्लाउड किचन सक्रिय हैं, जो लगभग 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और लगभग 50 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करते हैं.


कोविड महामारी के दौरान देखा गया है उछाल


जेस्मिन शाह ने कहा कि क्लाउड किचन 2024 तक भारत में 2 बिलियन डॉलर का उद्योग बनने के लिए तैयार हैं. 2019 में 400 मिलियन डॉलर से अधिक रहा है. क्लाउड किचन फूड एग्रीगेटर्स / ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑर्डर लेकर ग्राहक के दरवाजे पर खाना पहुंचाते हैं. इसमें  कोरोना महामारी के दौरान एक महत्वपूर्ण उछाल देखा गया. अब कई रेस्तरां क्लाउड किचन सेटअप पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो डाइन-इन के बजाय भोजन डिलीवरी के लिए बनाए गए हैं.


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