Delhi Government Developing Multi Modal Integration: दिल्ली सरकार आईआईटी (IIT) और पंचशील पार्क मेट्रो स्टेशन (Metro Station) पर मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन विकसित करेगी. इससे रोजाना हजारों लोगों का आवागमन सुगम होगा. दिल्ली सरकार 4.59 करोड़ रुपए की लागत से ये दोनों मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन बनाएगी.
उपमुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यात्रियों को बेहतर लास्ट माइल कनेक्टिविटी देने के लिए दोनों मेट्रो स्टेशनों पर मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन विकसित किया जा रहा है. इसके बन जाने से यात्रियों को बस, ऑटो, ई-रिक्शा समेत परिवहन के अन्य साधन आसानी से मिल सकेंगे.
साथ ही, लोगों को यात्रा का विश्व स्तरीय अनुभव मिलेगा और उनके समय की भी बचत होगी. मनीष सिसोदिया ने कहा कि पीडब्ल्यूडी और डीएमआरसी को साथ मिलकर काम करने से इस परियोजना की लागत में भी कमी आएगी और निर्माण कार्य भी समय से पूरा हो सकेगा. दोनों मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के निर्माण कार्य पर करीब 4.59 करोड़ रुपए की लागत आने की उम्मीद है.
परियोजना से क्या फायदा होगा ?
इस संबंध में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पीडब्ल्यूडी और डीएमआरसी के साथ मिलकर काम करने से न केवल इस परियोजना कार्य की लागत कम आएगी, बल्कि समय की भी बचत होगी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यात्रियों को होने वाली परेशानी और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए इन मेट्रो स्टेशनों पर एमएमआई तैयार किया जा रहा है.
इससे रोजाना इन दोनों स्टेशनों से सफर करने वाले हजारों यात्रियों को इससे सीधा फायदा मिलेगा. साथ ही, लास्ट माइल कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस काम के पूरा होने के बाद दोनों स्टेशनों पर जाम की समस्या से निजात भी मिलेगी.
क्या सुविधा उपलब्ध कराएगा परिवहन निगम ?
दिल्ली मेट्रो और पीडब्ल्यूडी के इस संयुक्त कार्य के बाद परिवहन निगम अन्य विभागों के साथ मिलकर यात्रियों को घर और ऑफिस तक यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके तहत बसों के अलावा, बस ऑटो, ई-रिक्शा समेत परिवहन के अन्य साधनों का बेहतर प्रबंध किया जाएगा.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारा ध्यान विभिन्न एजेंसियों द्वारा विकास कार्यों को इंटीग्रेट करने पर है, जिससे न केवल परियोजनाओं की लागत कम होगी, बल्कि इसे पूरा होने में लगने वाले समय की भी बचत होगी और इसके परिणाम स्वरूप जनता को कम कठिनाई होगी.
क्या काम करा रही है सरकार ?
दरअसल सरकार का दावा है कि इस मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन (एमएमआई) में मौजूदा पैदल मार्ग में सुधार करते हुए उसमें सीसी पेवर ब्लॉक बनाना, डीबीसी द्वारा वाहनों के कैरिजवे में सुधार, एमएस रेलिंग, रोड फिक्स्चर, रोड मार्किंग और अन्य कार्यों जैसे ड्रेन वर्क शामिल होंगे.
मेट्रो स्टेशनों पर उतरने के बाद ज्यादातर जगहों पर घर-ऑफिस तक पहुंचने के लिए स्थानीय परिवहन के साधनों पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में यह सुविधा लोगों को सहूलियत देने के साथ उनका समय भी बचाएगी. मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत सभी परिवहन विकल्प एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी. इससे लोगों की सहूलियत बढ़ेगी तो दूसरी तरफ ट्रेन, मेट्रो, बस या टैक्सी में सफर करने वालों को राजधानी के किसी भी छोर तक पहुंचने में दिक्कत नहीं होगी.
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