दिल्ली में कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े मजदूरों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेज करने के लिये दिल्ली सरकार ने 'निर्माण मजदूर रजिस्ट्रेशन अभियान' चलाने का निर्णय लिया है. दिल्ली सरकार में श्रम मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, "दिल्ली के अंदर निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए दिल्ली सरकार ने कोरोना के दौरान ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी. इस प्रक्रिया के तहत अभी तक 70 हजार निर्माण मजदूरों ने अपना आवदेन पंजीकरण के लिए दिया है. जितने भी मजदूरों ने ऑनलाइन आवेदन किया है, उनके सत्यापन का काम भी चल रहा है. इस पंजीकरण की प्रक्रिया को और तेज करने के लिए दिल्ली सरकार ने 24 अगस्त से 11 सितंबर तक ‘निर्माण मजदूर पंजीकरण अभियान’शुरू करने का फैसला किया है. इन 15 दिनों के अभियान में, सोमवार से शुक्रवार तक पंजीकरण का अभियान चलेगा. दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 70 स्कूलों में 24 अगस्त से कैंप लगाए जा रहे हैं, जो 11 सितंबर तक चलेंगे. जहां मजदूर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के संबंधित स्कूलों में जाकर निशुल्क पंजीकरण और आवेदन कर सकते हैं. अभी तक की प्रक्रिया के तहत फार्म अलग से भरे जाते थे और कार्यालय बुला कर उनका सत्यापन किया जाता था। इस अभियान के दौरान सभी कागज पूरे होने पर कैंप में ही फार्म भरे जांएगे और उसी दौरान उनका सत्यापन कार्य भी पूरा कर दिया जाएगा. इससे मजदूरों को कई बार दफ्तर का चक्कर लगाने से राहत मिल जाएगी. पहले चरण का अभियान से मिलने वाले रिस्पांस और प्रक्रिया की समीक्षा के बाद आगे की रणनीति व आगे के चरण को लेकर सरकार निर्णय लेगी."


गौरतलब है कि अभी तक दिल्ली सरकार की वेबसाइट www.edistrict.delhigovt.nic.in पर मजदूर अपना पंजीकरण करा रहे थे. जिसमें मजदूर अलग-अलग साइबर कैफे में जाकर और किसी के सहयोग से अपना पंजीकरण करा रहे थे. लेकिन अब सरकार की तरफ से कैम्प लगाये जा रहे हैं जहां उनकी मदद के लिये लोग मौजूद होंगे. हालांकि ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अभी भी जारी रहेगी. दिल्ली के अंदर कई तरह के मजदूर रहते हैं लेकिन इन कैम्प में सिर्फ निर्माण कार्य से सम्बंधित मजदूरों का रजिस्ट्रेशन होगा. बढ़ई, बार बाइंडर, बेलदार, कूली, मजदूर, जो निर्माण साइट या मकान/घर बनाने में काम करते हैं, निर्माण साइट पर तैनात चौकीदार, कंक्रीट मिश्रण करने वाले, क्रेन ऑपरेटर, इलेक्ट्रिशियन, फीटरमैन, लोहार, सफेदी करने वाले पैंटर, प्लंबर, पीओपी लेबर, पंप ऑपरेटर, राजमित्री, शटरिंग करने वाले, टाइल्स स्टोन फीटर और बेल्डर क्षेणी के कर्मचारी इसके तहत अपना फार्म भर कर पंजीकरण करा सकते हैं.


रजिस्ट्रेशन के लिये मजदूरों को कुछ शर्तों को पूरा करना भी आवश्यक है. श्रम मंत्री गोपाल राय ने जानकारी देते हुए बताया, "ऑनलाइन या कैंप में जाकर पंजीकरण कराने वालों की उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. इसके अलावा, उनके पास 12 महीने के दौरान 90 दिन काम करने का प्रमाण पत्र होना चाहिए. इसके लिए तीन विकल्प दिए गए हैं. पहला, जिस निर्माण साइट पर वह काम कर रहे हैं, वहां का इम्प्लायर लिख कर दे सकता है. दूसरा, निर्माण साइटों की ट्रेड यूनियंस भी लिख कर दे सकती हैं और तीसरा, मजदूर खुद सत्यापित करके उद्घोषित कर सकते हैं कि वो यह काम कर रहे हैं. सभी तरह के प्रमाण पत्रों का सत्यापन दिया जाएगा. सत्यापन गलत पाए जाता है, तो जिसने भी सत्यापित किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, कैंप में सत्यापन के लिए जाने के दौरान एक फोटो की जरूरत होगी. साथ ही, स्थानीय आईडी प्रूव, एक बैंक खाता नंबर, आधार कार्ड होना चाहिए. इन कागजात के आधार पर मजदूर अपना आवेदन कर सत्यापन करा सकते हैं."


अभियान को तेज़ी देने के लिये और ज़्यादा से ज़्यादा मजदूर पंजीकृत हो सकें इसके लिये श्रम मंत्रालय ने सभी 70 विधानसभा के विधायकों और दिल्ली के अंदर सभी वर्किंग एजेंसी जैसे- पीडब्ल्यूडी, इरिगेशन फ्लड विभाग, डीएसआईडीसी, एमसीडी, सेंट्रल पीडब्ल्यूडी आदि को निर्देश दिया है कि अलग-अलग स्थानों पर काम करने वाले मजूदरों का भी पंजीकरण कैंपों में ले जाकर करा दें, ताकि निर्माण मजदूरों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके और उन्हें बोर्ड की योजनाओं का फायदा मिल सके.