दिल्ली सरकार ने विवादित कॉलोनियों के पेड़ काटे जाने की अनुमति रद्द की, एलजी के पास भेजी फ़ाइल
दिल्ली में पेड़ काटे जाने के विरोध को देखते हुए दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री ने पेड़ काटे जाने अनुमति रद्द करते हुए कहा कि विधानसभा की कमेटी ने प्रोजेक्ट साइट पर जांच की जिसमें पाया गया कि पेड़ काटे जाने की अनुमति की अवहेलना हो रही है.
नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने आज सभी प्रस्तावित कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की अनुमति वापस ले ली है. दिल्ली सरकार ने नियमों के अवहेलना का हवाला देकर ये फैसला लिया है. अनुमति रद्द करने संबंधी फैसले की फ़ाइल अब दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दी है.
दिल्ली में पेड़ काटे जाने के विरोध को देखते हुए दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री ने पेड़ काटे जाने अनुमति रद्द करते हुए कहा कि विधानसभा की कमेटी ने प्रोजेक्ट साइट पर जांच की जिसमें पाया गया कि पेड़ काटे जाने की अनुमति की अवहेलना हो रही है. दिल्ली विधानसभा की पीएसी कमेटी ने जांच के बाद पाया कि
- नए पेड़ लगाने थे वो नहीं लगाए
- नए पेड़ लगाने के लिए जो ज़मीन दी जानी थी वो संबंधित विभाग की तरफ से नहीं दी गयी है.
- लिहाज़ा नैरोजी नगर, किदवई नगर और नेताजी नगर से पेड़ काटने की जो अनुमति दी गयी थी उसे पर्यवरण मंत्रालय ने वापस ले लिया है.
दिल्ली सरकार की कैबिनेट के फैसले इस फैसले के अलावा दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने कई और फैसले लिए हैं. दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में 303 करोड़ लागत से 6 लेन का फ्लाईओवर शास्त्री पार्क इंटरचेंज पर और 2 लेन का फ्लाईओवर सीलमपुर में बनाया जाएगा. यूपी बॉर्डर से आईएसबीटी कश्मीरी गेट आने वाले वाले ट्रैफिक को सिग्नल फ्री बनाने की योजना है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के लिए दिल्ली के अलग अलग इलाकों में 168 करोड़ की लागत से 94 डिस्पेंसरीज़ को पॉली क्लीनिक में बदला जाएगा. साथ ही सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी में 30 और सेवाओं को जोड़ा गया है जो बढ़कर अब 100 सेवा पर पंहुच गयी हैं. सरकार ने दावा किया कि दो महीने के भीतर इसे लागू कराए जाने की योजना है. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने दिल्ली में रियल टाइम प्रदूषण जानने के लिए स्टडी करवाने का फैसला किया है. इस स्टडी से ये पता लगाया जा सकेगा कि दिल्ली में कब किस वजह से प्रदूषण फैलता है ताकि प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाई जा सके.