नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों में अब बच्चों को हैप्पीनेस करिकुलम पढ़ाया जाएगा. सीएम केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और उनकी कैबिनेट की मौजूदगी में सोमवार को बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने इसे लांच किया. दलाई लामा ने केजरीवाल सरकार के काम की तारीफ की साथ ही कहा कि अखबार वाले सीएम के बारे में अलग सोच रखते हैं.


दरअसल सरकार की कोशिश इस करिकुलम के तहत नर्सरी से 8वीं के बच्चों को भावनात्मक रूप से मज़बूत करना है. टीचरों की ट्रेनिंग के बाद अगले एक हफ्ते से इसे दिल्ली सरकार के स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा. इस करिकुलम की लांचिंग के मौके पर बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने टीचरों को ध्यान और इस करिकुलम की महत्ता बताई.


दलाई लामा के भाषण में इन बातों पर रहा फोक्स


दिल्ली के त्यागराज राज स्टेडियम में हैप्पीनेस करिकुलम को लांच किया गया. इसमें बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा विशेष मेहमान के तौर पर उपस्थित थे. साथ ही सीएम केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे. दलाई लामा ने दिल्ली सरकार के इस कदम की तारीफ की. दलाई लामा ने भाषण की शुरुआत में कहा कि अखबार वाले आपके बारे में अलग विचार रखते हैं. दलाई लामा ने कहा कि मॉडर्न शिक्षा इनर पीस पर कोई जवाब नहीं देती. स्वास्थ्य भाव और दिमाग चाहिए.


इस मौके पर सीएम केजरीवाल ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. ये 100- 150 साल पहले शुरू हो जाना चाहिए था. मैकाले ने अंग्रेजी हुकूमत को मजबूती देने के लिए नई शिक्षा दी जिसमें क्लर्क बनाये गए. केजरीवाल ने आगे कहा कि हर रोज़ हर क्लास में 45 मिनट के लिए हैप्पीनेस कॅरिकलुम पढ़ाया जाएगा. इसमें धयान के लिए बच्चों को सिखाया जाएगा. तनावमुक्त किया जाएगा. देशभक्ति का पाठ पढ़ाया जाएगा. हमारे सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चे पढ़ते हैं जो वो पढ़कर निकलेंगे तो वो निजी स्कूलों वालों से कम नहीं होंगे.


हैप्पीनेस करिकुलम का मकसद बच्चों को भावनात्मक रूप से मज़बूत बनाना


आपको बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब नर्सरी से कक्षा आठ तक के बच्चों के पाठ्यक्रम 'हैप्पीनेस करिकुलम' जोड़ा गया है. इसके तहत दिल्ली के 10 लाख छात्रों को हर रोज़ 45 मिनट इस करिकुलम के तहत शिक्षा दी जाएगी. इस करिकुलम को बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने बाकायदा एक कमेटी बनाई जिसको हैप्पीनेस सेल का नाम दिया गया. इसके हेड बनाये गए शिक्षा विभाग में कार्यरत राजेश. राजेश के मुताबिक हैप्पीनेस करिकुलम का एक ही मकसद है करिकुलम के ज़रिए बच्चों भावनात्मक रूप से मज़बूत बनाना, खुश रखना. इसके तहत माइंडफुलनेस गतिविधि होंगी जिससे बच्चे गुस्से पर काबू कर पाए.


दूसरा, कहानियां रहेंगी. तीसरा, एक्टिविटीज है और चौथा उसका रिफ्लेक्शन रहेगा. सप्ताह में इसे अलग अलग दिनों में बांटा गया है. सोमवार को माइंडफुलनेस, मंगल- बुधवार कहानियां रहेंगी, गुरुवार- शुक्रवार गतिविधि पर काम होगा और हर शनिवार को साप्ताहिक असाइनमेंट होगा जिस पर वो अपना रिफ्लेक्शन देगा. राजेश ने बताया कि ये सभी उसी टाइम टेबल में से मैनेज किया जाएगा. इसमें कोई किताब, परीक्षा नहीं होगा.


इस करिकुलम को इसी नए सत्र से लागू किया जाएगा. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए सरकार का सहयोग कर रही आतिशी मारलीना के ने बताया कि अगले एक हफ्ते में हमारा टीचरों का ओरिएंटेशन होगा. टीचर की ट्रेनिंग होगी. मानकर चलिए अगले 10 दिन में दिल्ली सभी सरकारी स्कूलों में ये क्लास शुरू हो जाएंगी.