नई दिल्ली: त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब के विवादित बयान पर निशाना साधते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने इस्तीफे की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी बिप्लब देव का इस्तीफा मांगे. गहलोत ने कहा कि अगर एक मुख्यमंत्री की ऐसी सोच है तो उसे पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. गौरतलब है कि बिप्लब देव ने अपने एक बयान में पंजाबियों और जाटों को कम दिमाग वाला बताया था.


‘बिप्लब देव का इस्तीफा मांगे दुष्यंत चौटाला’


कैलाश गहलोत ने कहा, ‘’दुष्यंत चौटाला जो हरियाणा के उप मुख्यमंत्री हैं. मैं उनसे ये पूछ रहा हूं कि आप भी तो जाट हैं. आप मंदबुद्धि के हैं? आप पागल हैं? और अगर आप मंदबुद्धि के हैं और आप पागल हैं तो फिर आप डिप्टी सीएम कैसे बने हुए हैं...अगर आप मंदबुद्धि के नहीं हैं और आप पागल नहीं हैं तो फिर बिप्लब देव का इस्तीफा मांगें. पूरी आम आदमी पार्टी बिप्लब देव का इस्तीफा मांग रही है. अगर किसी पार्टी और सीएम की ये सोच है तो उनको सीएम रहने का अधिकार नहीं है. हम त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देव का इस्तीफा मांग रहे हैं. जितनी भी सीनियर लीडरशिप है बीजेपी की...मैं उनसे ये पूछना चाहता हूं कि आपने क्या एक्शन लिया बिप्लब देव के खिलाफ.’’


बंगालियों को बताया था बुद्धिमान


दरअसल, अगरतला प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में बिप्लब देब ने देश के अलग-अलग समुदायों और राज्यों के लोगों से जुड़ी कई बातें कही थीं. इस दौरान उन्होंने पंजाब में पंजाबियों और हरियाणा में जाटों का जिक्र करते हुए इन दोनों समुदाय के लोगों को कम दिमाग वाला बताया था. वहीं बंगालियों को बहुत बुद्धिमान बताया. उन्होंने कहा था कि पंजाबी और जाट समुदाय के लोगों के पास कम दिमाग होता है, ये लोग बंगालियों की बराबरी नहीं कर सकते हैं.


विरोध के बाद बिप्लब देव ने माफी मांगी


हालांकि, विरोध के बाद मुख्यमंत्री ने अपने इस बयान के लिए मांफी मांग ली थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए बाद में कहा, ‘’ मेरे कई अभिन्न मित्र इसी समाज से आते हैं. अगर मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से क्षमाप्रार्थी हूं.’’


मुख्यमंत्री के भाई अग्रसेन गहलोत के घर, दुकान पर ईडी का छापा, पहली बार गहलोत परिवार पर कसा शिकंजा